रांची : मंत्रिमंडल विस्तार के तुरंत बाद ही झामुमो कोटे के बोर्ड-निगमों का भी होगा गठन
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) में अभी कोई अध्यक्ष नहीं है. पार्टी चाहती है कि किसी बड़े नेता को इसमें जगह दी जाये. इसी तरह तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल), जेरेडा में भी अध्यक्ष पद पर किसी नेता को सेट किया जायेगा.
रांची : 16 फरवरी को चंपाई सोरेन सरकार मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रही है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राज्य सरकार बोर्ड-निगमों का भी गठन करेगी. इसकी तैयारी चल रही है. खास कर झामुमो कोटे के कई बोर्ड-निगम अभी खाली हैं. जिसे भरने को लेकर पार्टी के अंदर चर्चा चल रही है. इन बोर्ड-निगमों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जगह दी जायेगी. हाल ही में झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर लिया गया है. इसी कड़ी में सूचना आयोग और महिला आयोग का गठन भी इसी माह किये जाने की संभावना है. सूचना आयोग के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
20 सूत्री उपाध्यक्ष का पद किसी बड़े नेता को दी जा सकती है
सूत्रों ने बताया कि 20 सूत्री के उपाध्यक्ष पद अभी स्टीफन मरांडी हैं. पर स्वास्थ्य की वजह से वह कम सक्रिय हैं. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि स्टीफन मरांडी से बात कर किसी बड़े नेता को 20 सूत्री के उपाध्यक्ष पद पर रखा जा सकता है. हालांकि यह स्टीपन मरांडी की मर्जी से ही होगा. यदि वह इस्तीफा देंगे, तभी आगे की कार्रवाई हो सकेगी.
जेएसएमडीसी पर भी है नजर
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) में अभी कोई अध्यक्ष नहीं है. पार्टी चाहती है कि किसी बड़े नेता को इसमें जगह दी जाये. इसी तरह तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल), जेरेडा में भी अध्यक्ष पद पर किसी नेता को सेट किया जायेगा. झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग में भी कई सदस्यों से इस्तीफा लिया गया है. यहां भी कई नये चेहरे को मौका दिया जायेगा. जियाडा, माटी कला बोर्ड में भी अध्यक्ष का पद खाली है. वहीं आरआरडीए, झालको, झारखंड राज्य खादी बोर्ड, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, झारखंड राज्य समाज कल्याण बोर्ड, झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसायटी जैसे बोर्ड-निगमों में भी अध्यक्ष के पद पर कई नेता सेट किये जा सकते हैं.
चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही बोर्ड-निगमों में दी जायेगी जगह
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बार उन नेताओं को ही बोर्ड-निगमों में जगह दी जायेगी, जिन्हें भविष्य में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाना है. ताकि वह बोर्ड-निगमों के माध्यम से जनता के बीच भी पैठ बढ़ा सकें.