राज्य सरकार ने दिये संकेत,16 जून से खुल सकती हैं कपड़े और जूते-चप्पल की दुकानें

झामुमो ने कहा है कि राज्य में गतिविधियां सामान्य होनी चाहिए. इसके लिए बंद संस्थानों और दुकानों को खोला जाना बेहतर होगा. एक प्रोटोकाॅल बना कर सतर्कता और विशेष निगरानी में कपड़े व जूते-चप्पल की दुकानें खोली जानी चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2020 7:08 AM

रांची : झामुमो ने कहा है कि राज्य में गतिविधियां सामान्य होनी चाहिए. इसके लिए बंद संस्थानों और दुकानों को खोला जाना बेहतर होगा. एक प्रोटोकाॅल बना कर सतर्कता और विशेष निगरानी में कपड़े व जूते-चप्पल की दुकानें खोली जानी चाहिए. साथ ही निजी बसों का परिचालन भी शुरू किया जाना चाहिए. शुक्रवार को झामुमो महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों से ये बातें कहीं. इधर, 16 जून से कपड़े व जूते-चप्पल की दुकानें खुल जाने की उम्मीद जतायी जा रही है.

श्री भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य सरकार अपनी शर्तों पर मजदूरों को बाहर भेजेगी. दुर्दशा के लिए मजदूर बाहर नहीं जायेंगे. इसके लिए पार्टी सरकार से आग्रह करेगी. कोरोना संक्रमण पर काबू करने को लेकर उन्होंने कहा कि जिस तरह हेलमेट पहनने के लिए कानूनी प्रावधान है, उसी तरह मास्क पहनने को लेकर भी नियम बनाने की जरूरत है. सार्वजनिक जगहों पर मास्क नहीं पहननेवालों से फाइन वसूले जाने चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में काेरोना संक्रमितों की संख्या 1600 के पार है, लेकिन हम विचलित नहीं हैं. सरकार पूरी तैयारी और रणनीति के साथ इस संकट से निबट रही है.

मजदूरों को बदहाली के लिए बाहर नहीं भेजा जायेगा

झामुमो नेता ने कहा कि झारखंड में अब फरजीवाड़ा नहीं चलेगा. दो हजार, चार हजार लोग कौशल विकास के नाम पर बाहर भेजे गये. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया. वहीं, हेमंत सोरेन की सरकार ने एमओयू कर मजदूरों को बाहर भेजा है. उनका ख्याल रखा जा रहा है. झारखंड के मजदूरों को बदहाली के लिए बाहर नहीं भेजा जायेगा. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो दुमका में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहा है. बेरमो चुनाव को लेकर इसे लंबा नहीं खींचा जाना चाहिए. दुमका में पार्टी रिकॉर्ड मतों से जीतेगी.

केंद्र सरकार को निशाने पर लिया

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के लोगों के साथ भद्दा मजाक जरूर कर रही है. पीएम केयर फंड से मजदूरों को दो-दो हजार रुपये देने की बात कही गयी थी, अब तक किसी को मिला, इसकी कोई जानकारी नहीं. दो हजार करोड़ के वेंटिलेटर बनाने की बात हुई, लेकिन झारखंड को एक वेंटिलेटर नहीं मिला. यह जरूर है कि झारखंड को 8़ 67 करोड़ रुपये मिले. साढ़े तीन करोड़ जनता की इम्यून सिस्टम ठीक करने के लिए 2़ 40 पैसे के हिसाब से दिये गये. इतने में 50 ग्राम मूंगफली नहीं मिलती.

तीन माह से दुकानें बंद, कपड़ा कारोबार को लगभग 1,248 करोड़ का नुकसान

कपड़ा कारोबारियों के अनुसार, लगभग तीन माह में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. रांची समेत पूरे झारखंड में लगभग 70,000 से 75,000 छोटी और बड़ी दुकानें हैं. पूरे झारखंड में इनका कारोबार पूरे साल में लगभग 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का होता है. तीन माह में लगभग 1,248 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है. इसी प्रकार झारखंड में 15,000 से अधिक फुटवियर दुकानों हैं. इसके कारोबारियों को तीन माह में लगभग 45-50 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

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