One Nation One Election : पीएम मोदी के नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट ने ONE NATION ONE ELECTION के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि वह संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करेगी. इस ऐलान के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
यह संविधान पर हमला : झामुमो
झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि देश एक संघीय ढांचे से चलता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून देश को साम्राज्यवाद सोच की ओर ले कर जा रहे हैं. बीजेपी मनुवादी सोच वाली पार्टी है और उनकी पार्टी में लोकतंत्र नहीं है. वन नेशन वन इलेक्शन का कानून न ही संभव है न ही व्यावहारिक है. भारत में त्रिस्तरीय चुनाव होते हैं.
फैसला चुनाव से प्रेरित
सुप्रियो ने कहा कि यह फैसला चुनाव को देखते हुए जल्दबाजी में लिया गया है. यह एक चुनावी जुमला है. वन नेशन वन इलेक्शन के कैबिनेट से पारित होने के बाद विपक्ष लगातार हमलावर हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन प्रैक्टिकल नहीं है. यह देश में चलने वाला नहीं है.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट पर फैसला
वन नेशन वन इलेक्शन को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट देने के बाद कैबिनेट से पास किया गया. इस कानून के हिसाब से लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सलाह दी गई है. सरकार का पक्ष है कि लगातार देश में चुनाव होने से सिस्टम चुनाव कराने में लगा रहता है और इससे में वित्तीय बोझ भी पड़ता है. इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई और कमेटी ने सरकार को अपना रिपोर्ट सौंपी.