रांची : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की अमर्यादित भाषा पर झामुमो ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आखिर बार-बार कैसे श्री दास ऐसी भाषा का प्रयोग कर देते हैं. श्री दास का नॉरकोटिक्स विभाग से जांच कराने की आवश्यकता है. श्री भट्टाचार्य ने रघुवर दास के अमर्यादित शब्द के जवाब में कहा कि कौन क्या है, अब पता चलेगा. अभी मैनहर्ट का मामला खुला है.
मोमेंटम झारखंड, विधानसभा और हाइकोर्ट निर्माण का मामला खुलेगा. पूर्ववर्ती सरकार के नगर विकास विभाग के हर कार्यों की समीक्षा होगी. रोजगार के नाम पर हुए घोटाले की जांच होगी. तब पता चलेगा कि कौन क्या है और कहां रहेगा. सुप्रियो ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी श्री दास ने इसी प्रकार की भाषा का प्रयोग किया था.
तब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने इनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद श्री सोरेन ने बड़ा दिल दिखाते हुए मुकदमा वापस ले लिया था. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जिस प्रकार से चुनाव में भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह किसी भी तरह से मर्यादित नहीं है. उन्होंने भाजपा के केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व से मांग की है कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग करनेवाले व्यक्ति को चुनाव से अलग रखें.
दुष्कर्म के मामले में झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम के दिये गये बयान के संबंध में पूछे जाने पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार था. उन्होंने प्रसंगवश उक्त बातें कही होगी. इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में अपहरण व बलात्कार की घटनाएं बढ़ना चिंता का विषय है. इसके खिलाफ सभी को मिलकर आगे आना होगा. साथ ही कहा कि पूर्व मंत्री लुईस मरांडी पूर्ववर्ती सरकार में पांच साल तक कल्याण मंत्री रहने के बावजूद दुमका का कोई विकास नहीं कर पायी. यही वजह थी कि वह पिछले चुनाव में 13 हजार मतों से हारी थीं. इस बार उनके हार का अंतर 50 हजार रहेगा.
रांची. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के चुनावी चौपाल में सरकार में शामिल लोगों को लेकर दिये गये आपत्तिजनक बयान पर भाजपा में भी मंथन हो रहा है़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि किसी भी व्यक्ति काे ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जिससे समाज में गलत संदेश जाये. उन्होंने कहा कि रघुवर दास हमारे सम्मानित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है़ं उनको हम इतना ही कह सकते हैं कि इस तरह का व्यवहार कोई कार्यकर्ता नही करे़ मर्यादा के साथ राजनीति होनी चाहिए़
posted by : sameer oraon