कोल इंडिया में अनुकंपा पर नौकरी (9:3:0) मामले को लेकर गठित सब कमेटी की बैठक में तय किया गया कि 45 साल की उम्र तक ही अनुकंपा पर नौकरी दी जानी चाहिए. पहले महिला आश्रित के लिए 45 तथा पुरुष के लिए नौकरी पाने की कोई तय उम्र सीमा नहीं थी. अन्य आश्रित को 35 साल की उम्र तक ही नौकरी मिल सकती थी. बैठक में तर्क दिया गया कि किसी भी कर्मी की मौत की स्थिति में पूर्व में जेंडर आधारित उम्र सीमा में छूट का प्रावधान था. इसे खत्म कर दिया गया है. बैठक में पहले अनुकंपा पर नौकरी के लिए कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं थी. अब इसे 18 साल करने की अनुशंसा कमेटी ने की है. कर्मी की मृत्यु के समय अगर आश्रित की उम्र सीमा 18 साल है, तो उसे नौकरी दी जायेगी. 18 से कम या 12 साल से अधिक होने पर आश्रित का नाम लाइव रोस्टर में रखा जायेगा. कर्मी के आश्रित की उम्र सीमा 18 साल होने पर अनुकंपा पर नौकरी दी जायेगी.
बैठक में तय किया गया कि अगर नौकरी करने वाले का आश्रित ट्रांसजेंडर हो, तो उसे भी नौकरी दी जायेगी. इसके अतिरिक्त पुत्र, पुत्री या कानूनी रूप से गोद लिये गये पुत्र या पुत्री को भी नौकरी दी जायेगी. बैठक में अनुशंसा की गयी कि अगर नौकरी करनेवाला का कोई सीधा आश्रित नहीं हो तो उनके साथ रहने वाले भाई, बहन, विधवा बेटी, दामाद को नौकरी दी जा सकती है. बैठक में आश्रित नौकरी नहीं लेंगे, तो मासिक राशि का भुगतान किया जायेगा. आश्रित के 45 साल से अधिक होने पर उन्हें आर्थिक मदद दी जायेगी. बैठक में एनसीएल, एसइसीएल और कोल इंडिया के जीएम औद्योगिक संबंध भी थे. यूनियन की ओर से बीएमएस के राजकुमार सिंह, एचएमएस से नाथूलाल पांडेय, एटक से श्रीकांत चौधरी तथा सीटू से वीएम मनोहर भी थे.
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