पर्यटकों को आकर्षित करता है जोन्हा फॉल, पहाड़ के बीचोबीच बना है भगवान बुद्ध का मंदिर
Jharkhand Foundation Day 2022: जोन्हा फॉल की पहाड़ी पर भगवान गौतम बुद्ध का एक प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों साल पहले राजा बलदेव दास बिड़ला ने करवाया था. भगवान बुद्ध के इस मंदिर का निर्माण पहाड़ को खोदकर उसके बीचोबीच कराया गया था.
Jharkhand Foundation Day 2022: झारखंड में कई ऐसे पर्यटन स्थल (Tourist Spots of Jharkhand) हैं, जो राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित कर सकते हैं. इसके लिए पर्यटन विभाग को पहल करनी होगी. झारखंड (Jharkhand) और बंगाल (West Bengal) के पर्यटकों में जोन्हा फॉल (Jonha Fall) बेहद लोकप्रिय है. लेकिन, बहुत कम लोगों को मालूम है कि बौद्ध धर्म (Buddhism) से जुड़ी कई चीजें भी यहां मौजूद हैं, जो इसे बौद्ध धर्म के केंद्र (Buddhist Center) के रूप में भी पहचान दिला सकता है.
जोन्हा फॉल में हैं बौद्ध धर्म के कई अवशेष
राजधानी रांची से 38 किलोमीटर दूर स्थित गौतम पहाड़ी (Gautam Pahari) पर स्थित जोन्हा फॉल में बौद्ध धर्म के कई अवशेष मौजूद हैं. जोन्हा फॉल की पहाड़ी पर भगवान गौतम बुद्ध का एक प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों साल पहले राजा बलदेव दास बिड़ला ने करवाया था. भगवान बुद्ध के इस मंदिर का निर्माण पहाड़ को खोदकर उसके बीचोबीच कराया गया था.
बौद्ध धर्म से जुड़े कई शिला लेख
जोन्हा फॉल में बौद्ध धर्म से जुड़े कई प्राचीन शिला लेख हैं. इन शिला लेखों में बताया गया है कि हिंदू एवं बौद्ध आर्य धर्म की दो शाखाएं हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बिड़ला परिवार के द्वारा बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के दौरान जोन्हा फॉल में मुख्य मार्ग के किनारे मंदिर एवं धर्मशाला का भी निर्माण कराया गया था.
बुद्ध के मंदिर में हर दिन पूजा-अर्चना करते हैं ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीण भगवान बुद्ध के मंदिर में प्रतिदिन पूजा-अर्चना करते हैं. उनका मानना है कि भगवान गौतम बुद्ध कभी यहां आये थे. उनके नाम पर ही इस फॉल का नाम गौतम धारा पड़ा था. गौतम धारा जोन्हा फॉल का ही पुराना नाम है. दिसंबर से मार्च के महीने तक यहां पर्यटकों की भीड़ रहती है. बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग यहां आते हैं और प्रकृति के मनोरम दृश्य को निहारते हैं.
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