रांची : जेपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में दायर स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों (इडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट की खंडपीठ के 10 सितंबर 2021 के आदेश को सही ठहराते हुए बरकरार रखा. साथ ही एसएलपी को खारिज कर दिया.
जस्टिस केएम जोसेफ व जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने उक्त फैसला सुनाया. प्रार्थी उत्तम कुमार उपाध्याय ने एसएलपी दायर कर हाइकोर्ट की खंडपीठ के आदेश को चुनाैती दी थी. झारखंड हाइकोर्ट की खंडपीठ ने 10 सितंबर 2021 को असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता परीक्षा-2019 के विज्ञापन को रद्द करने के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया था.
खंडपीठ ने कहा था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (सवर्णों) के अभ्यर्थियों को असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने उक्त फैसला सुनाया था. पूर्व में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन तथा जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने बताया था कि इडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. राज्य सरकार व जेपीएससी की ओर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देते हुए निरस्त करने की मांग की गयी थी.
जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ ने 21 जनवरी 2021 को फैसला सुनाते हुए असिस्टेंट इंजीनियरों की नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन को रद्द कर दिया था. राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह संशोधित अधियाचना जेपीएससी को भेजे. इसके बाद आयोग फिर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करेगी. सरकार ने 25 फरवरी 2019 को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (सवर्ण) को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की अधिसूचना जारी की थी.
Posted By : Sameer Oraon