JPSC मामले में सीएम हेमंत का विपक्ष पर हमला, बोले- दलितों के बच्चे आगे आ रहे, तो मनुवादियों के पेट में दर्द

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन जब सत्ता पक्ष के नेता जेपीएससी के सावल पर घिरते दिखे तो सीएम हेमंत सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि आज जब दलितों, आदिवासियों के बच्चे आगे आ रहे हैं तो मुनवादियों के पेट में दर्द हो रहा है. ये धरना प्रयोजित है और विश्व हिंदू परिषद के लोग इसमें बैठे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 21, 2021 8:26 AM

रांची : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी जेपीएससी का मुद्दा सदन में गरमाया रहा़ विपक्षी भाजपा सदस्यों ने जेपीएससी पीटी रद्द करने और परीक्षा की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर हो-हल्ला किया़ विपक्ष सदन में जेपीएससी मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का वक्तव्य लेने को लेकर अड़ा रहा़ विपक्ष का कहना था कि मुख्यमंत्री इस मामले में स्थिति स्पष्ट करे़ं

इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेपीएससी के मामले में विपक्ष को ही घेरा़ उन्होंने कहा कि जेपीएससी परीक्षा में भारी पैमाने में अभ्यर्थी शामिल हुए हैं. पहली बार इतने बड़े पैमाने पर नियुक्ति हो रही है़ सामान्य कोटा में भी आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग आये हैं. आज सिर्फ कमजोर, दलित और ओबीसी के बच्चे आगे आ रहे हैं, तो मनुवादी लोगों के पेट में दर्द हो रहा है़ सीएम ने विपक्ष को कटाक्ष करते हुए कहा कि आंदोलन प्रायोजित है़ विश्व हिंदू परिषद के लोगों को धरना पर बैठाया जा रहा है़ लेकिन मौके पर मुख्यमंत्री के वक्तव्य से विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा और विपक्षी सदस्य भाषण के दौरान टोका-टाकी करते रहे.

पिछली सरकार नहीं सुलझा पायी पारा शिक्षकों की समस्या :

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों के मामले में भी यही हुआ़ उनको कठपुतली बनाकर रखा गया और ठीकरा इस सरकार पर फोड़ रहे हैं. 15-16 साल सरकार चलायी, लेकिन पारा शिक्षकों की समस्या नहीं सुलझा पाये़ डबल इंजन की सरकार चला रहे थे, लेकिन क्या किया सबको मालूम है़.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी स्वतंत्र एजेंसी है़ पहले जेपीएससी के निर्णय पर सरकार के हस्तक्षेप की वजह से प्रश्नचिह्न लगा है़ इस परीक्षा में सरकार को कोई हस्तक्षेप नहीं है़ उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि कोई भी पुष्टि करा दे कि सरकार ने परीक्षा से कोई छेड़छाड़ की हो या कोई हस्तक्षेप किया हो़ मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी बातों को कुरेदना हमारे स्वभाव में नहीं है़ पिछली सरकार में हम विपक्ष में थे और जेपीएससी पर बातें उठी थी़ं पिछली सरकार में जेपीएससी में क्या हुआ, सबको पता है़ उसके अध्यक्ष जेल गये और सीबीआइ जांच हो रही है़ दूध का दूध, पानी का पानी होता रहा है़ पहले पांच साल में एक भी परीक्षा नहीं ले पाये़

Posted by : Sameer Oraon

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