झारखंड हाईकोर्ट ने आंदोलनरत अभ्यर्थियों की नहीं मानी बात, JPSC मेंस परीक्षा को रोकने से किया इनकार, दी ये दलील
झारखंड हाईकोर्ट ने आंदलन कर रहे छात्रों को बड़ा झटका देते हुए मेंस की परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य परीक्षा के आयोजन पर रोक नहीं लगा सकते.
रांची : सातवीं से 10वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया जारी रहेगी. मंगलवार को झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर तीन राउंड की सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया. अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि सभी बिंदुअों पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मुख्य परीक्षा के आयोजन पर रोक नहीं लगा सकते हैं.
अदालत ने उक्त याचिका पर तीन राउंड में सुनवाई की. पहली बार दिन के 11 बजे, दूसरी 12 बजे व तीसरी बार 1.45 बजे सुनवाई शुरू हुई. अंतत: अदालत ने आइए याचिका को खारिज कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) के बी सीरिज के आठ प्रश्नों का मॉडल आंसर गलत है.
जेपीएससी ने बी सीरिज के पेपर-वन में प्रश्न संख्या- तीन, सात, नाै, 49, 67, 77 आैर बी सीरिज के ही पेपर-टू के प्रश्न संख्या- 53 व 54 प्रश्नों का गलत उत्तर दिया है. पहली बार जब आयोग ने मॉडल आंसर जारी किया था, तो एक प्रश्न का उत्तर सही था. दोबारा मॉडल आंसर जारी किया गया, तो उस प्रश्न का गलत उत्तर दिया गया.
अधिवक्ता राजेश कुमार ने मुख्य परीक्षा के आयोजन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश देने का आग्रह किया. वहीं जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल व अधिवक्ता राकेश रंजन ने प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि मॉडल उत्तर गलत नहीं है. एक्सपर्ट की सलाह पर मॉडल उत्तर जारी किया जाता है. यदि उत्तर गलत है, तो सभी के लिए है. सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है.
वैसी स्थिति में मुख्य परीक्षा पर रोक नहीं लगायी जा सकती है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शेखर सुमन ने याचिका दायर की है. उन्होंने बी सीरिज सेट में आठ प्रश्नों के मॉडल आंसर को गलत बताया है. पूर्व में अदालत ने पीटी के आठ प्रश्नों के मॉडल उत्तर के गलत होने के मामले में जेपीएससी को जवाब देने का निर्देश दिया था. उस मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद होगी.
Posted by : Sameer Oraon