रांची : जेपीएससी पीटी को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. विपक्षी दल सरकार पर हमला कर रहे हैं. भाजपा सदन के अंदर इस मामले को जोर-शोर से उठायेगी. सदन में गतिरोध के आसार हैं. जेपीएससी के मुद्दे पर आंदोलन को भाजपा ने मुद्दा बनाया है. वहीं, सत्ता पक्ष ने भी इस मामले में भाजपा पर जवाबी हमला किया है. सदन के अंदर भी विपक्ष को सत्ता पक्ष कटघरे में खड़ा कर सकती है़.
पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जेपीएससी विवाद पर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग जेपीएससी परीक्षा का विरोध कर रहे हैं, वे विकास, नियोजन व रोजगार विरोधी हैं. पिछली भाजपा सरकार ने पांच साल तक कोई काम नहीं किया.
जेपीएससी की एक भी परीक्षा नहीं ले पायी. अब भाड़े के लोगों को साथ लेकर हंगामा करा रहे हैं. मंत्री हफीजुल हसन के आवास पर झामुमो सदस्यता ग्रहण समारोह में पत्रकारों के सवाल के जवाब में मिथिलेश ठाकुर ने उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि जो सच्चे अभ्यर्थी हैं, उन्हें आंदोलन से लेना-देना नहीं है. हंगामा करनेवाले भाड़े के लोग हैं.
जेपीएससी ने जहां कमी थी, उसे स्वीकार किया. जेपीएससी ऑटोनोमस बॉडी है. इसमें दखलअंदाजी से हाइकोर्ट ने भी मना किया है. जिन युवाओं परीक्षा में सफलता पायी है, उन्हें अवसर देना चाहिए. जो बच गये हैं, उन्हें भी अवसर मिलेगा. श्री ठाकुर ने आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थी से अनशन समाप्त करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अभी अवसर नहीं मिला है, तो अगली परीक्षा की तैयारी करें.
जेपीएससी 7वीं से 10वीं तक की पीटी के मामले में सदन में अभी गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. भाजपा इस मुद्दे से पीछे हटने को तैयार नहीं है. सोमवार को भी भाजपा जेपीएससी पीटी रद्द करने और इसकी जांच को लेकर सदन में हंगामा करेगी. भाजपा विधायकों ने इसको लेकर रणनीति भी बनायी है.
इसके साथ ही नियोजन व स्थानीय नीति को भी पार्टी मुद्दा बनायेगी. विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा है कि जेपीएससी के मामले में बाहरी-भीतरी की बात कर झारखंड को बांटने का प्रयास किया जा रहा है. जेपीएससी के मुद्दे पर आंदोलन करनेवालों को बाहरी कहा जा रहा है. आदिवासी-मूलवासी के अधिकारों पर हमला हो रहा है. जेपीएससी में साजिश के तहत गड़बड़ी हुई है. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए.
विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जेपीएससी की गड़बड़ियां सबके सामने हैं. जेपीएससी ने इसे स्वीकार कर लिया है. ओएमआर शीट को जानबूझ कर गायब किया गया है. पूरे मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. श्री बाउरी ने कहा कि सदन में सरकार से जवाब मांगा जायेगा.
रांची. जेपीएससी पीटी को मुख्यमंत्री द्वारा क्लीन चिट दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य के प्रतिभावान विद्यार्थी हताश और निराश हैं. जेपीएससी द्वारा सातवीं से 10वीं तक की पीटी में कदाचार हुआ है, जिसे सदाचार बताया जा रहा है. आयोग ने अभ्यर्थियों व भाजपा द्वारा लगाये गये आरोपों की स्वयं पुष्टि भी की है.
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने रविवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि 49 ओएमआर सीट नहीं मिलने के कारण उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अनुत्तीर्ण किया गया. जेपीएससी पीटी में हुए भ्रष्टाचार की जांच करा कर दूध का दूध और पानी का पानी कराने की उम्मीद थी. आंदोलनरत छात्रों को रात के अंधेरे में जबरन उठा कर ले जाना, ये कौन सा न्याय है.
श्री शाहदेव ने कहा कि भाजपा भी चाहती है कि राज्य के आदिवासी-मूलवासी व प्रतिभावान छात्रों की नियुक्ति हो, लेकिन वैसा नहीं दिख रहा है. पिछली भाजपा सरकार में लाख से अधिक नियुक्तियां हुई थीं. जिसमें 90 प्रतिशत आदिवासी-मूलवासी छात्र थे. भाजपा ने मेडिकल कॉलेज में भी पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया. उन्होंने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों में 100 प्रतिशत, पंचायत सचिव में 90 प्रतिशत, होमगार्ड में 100 प्रतिशत, स्वच्छता मिशन में भी अधिकांश आदिवासी मूलवासी अभ्यर्थी हैं. मौके पर मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी मौजूद थे.
Posted By : Sameer Oraon