JPSC के परीक्षार्थियों को फ्रिस्किंग और मेटल डिटेक्टर से गुजरना होगा
परीक्षा संबंधी कदाचार को रोकने के लिए आयोग द्वारा समुचित प्रावधान सुनिश्चित किये गये हैं. इनमें से कई प्रावधान पहली बार प्रयोग में लाये जा रहे हैं. इसके अलावा अभ्यर्थियों के फेस रिकॉग्निशन और आयरिश डिटेक्शन का प्रावधान किया गया है.
संजीव सिंह, रांची:
सिविल सेवा के परीक्षार्थियों को अब हर परीक्षा केंद्र में फ्रिस्किंग तथा मेटल डिटेक्टर से जांच के लिए गुजरना होगा. कोई भी अनुचित सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस परीक्षा केंद्र पर प्रतिबंधित रहेंगे. परीक्षा केंद्र में अवैध संचार को रोकने के लिए जैमर लगाये गये हैं. यह व्यवस्था जेपीएससी के द्वारा 21 जनवरी को ली जानेवाली सिविल सेवा (बैकलॉग) पीटी में की जायेगी. पहली बार कदाचार के लिए निर्धारित किये गये दंड के प्रावधान के तहत जेपीएससी सिविल सेवा (पीटी) लेने जा रहा है. यह परीक्षा कुल 10 पदों के लिए होगी. राजधानी के सात केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा ली जायेगी.
कदाचार रोकने के कई प्रावधान पहली बार अमल में लाये जायेंगे :
आयोग की अधिसूचना के मुताबिक इस परीक्षा में, प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग की रोकथाम व निवारण के लिए राज्य स्तर पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गयी है. इसके तहत तीन साल से 10 साल तक का कारावास एवं पांच लाख से 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. परीक्षा संबंधी कदाचार को रोकने के लिए आयोग द्वारा समुचित प्रावधान सुनिश्चित किये गये हैं. इनमें से कई प्रावधान पहली बार प्रयोग में लाये जा रहे हैं.
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फेस रिकॉग्निशन का प्रावधान :
अभ्यर्थियों के फेस रिकॉग्निशन और आयरिश डिटेक्शन का प्रावधान किया गया है. हर परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी स्थापित किये गये हैं, जिन्हें आयोग के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है. जिससे हर कक्षा में होनेवाली गतिविधियों पर बारीक नजर रखी जा सके. आयोग ने किसी भी प्रकार के निर्देश का रियर टाइम आदान-प्रदान वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल द्वारा किये जाने का भी प्रावधान किया है. जिससे कि परीक्षा संचालन में कोई बाधा हीं हो.