जेपीएससी परीक्षा : नेत्रहीनों के लिए रिजर्व सीटों पर आंखवालों का हुआ चयन

अंधापन और कम दृष्टिवालों के लिए आरक्षित सात सीटों के मुकाबले छठी जेपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम में सिर्फ पांच ही उम्मीदवार योग्य पाये गये. खाली रह गयी दो सीटों को अगली परीक्षा के लिए बैकलॉग माना जाना चाहिए

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2020 3:02 AM

शकील अख्त, रांची : अंधापन और कम दृष्टिवालों के लिए आरक्षित सात सीटों के मुकाबले छठी जेपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम में सिर्फ पांच ही उम्मीदवार योग्य पाये गये. खाली रह गयी दो सीटों को अगली परीक्षा के लिए बैकलॉग माना जाना चाहिए. यानी कुल 326 रिक्तियों के लिए हुई परीक्षा के मुकाबले 324 सफल उम्मीदवारों को ही नियुक्त करने की अनुशंसा की जानी चाहिए. लेकिन आयोग ने सभी 326 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है. इससे संबंधित श्रेणी के उम्मीदवार आगे अपने कानूनी अधिकारी से वंचित रह जायेंगे.

राज्य में लागू आरक्षण नियम के आलोक में छठी जेपीएससी परीक्षा की कुल रिक्त 324 रिक्त पदों में से नि:शक्तों के लिए विभिन्न सेवा संवर्गों में कुल 16 पदों पर क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गयी थी. इसमें से अंधापन व कम दृष्टिवालों के लिए सात, बहरापन-श्रवण नि:शक्तों के लिए पांच और चलन नि:शक्तों के लिए चार पद आरक्षित किये गये.

छठी जेपीएससी परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित करने के बाद आयोग की ओर से सरकार को नियुक्ति की अनुशंसा की गयी. सरकार को भेजे गये पत्र में नि:शक्तों के लिए आरक्षित सीट और चयनित उम्मीदवारों का उल्लेख किया गया है. पत्र में कहा गया है कि चलन नि:शक्तों (लोकोमोटिव) के लिए आरक्षित चार पदों के मुकाबले दो की अनुशंसा की गयी है.

दो चलन नि:शक्त मेरिट लिस्ट के हिसाब से चुने गये हैं, इसलिए क्षैतिज आरक्षण के चारों पद भर गये हैं. श्रवण नि:शक्त के लिए आरक्षित पांच पदों के मुकाबले पांच योग्य उम्मीदवार मिले हैं. इस श्रेणी में पांच की नियुक्ति की अनुशंसा की गयी है. अंधापन व कम दृष्टि नि:शक्तों के लिए आरक्षित सात सीटों के मुकाबले पांच योग्य उम्मीदवार ही मिले हैं. इन रिक्त पदों के आलोक में पांच की नियुक्ति की अनुशंसा की गयी.

उल्लेखनीय है कि इस श्रेणी के उम्मीदवार मेटिर लिस्ट में भी आये हैं. एेसी स्थिति में राज्य में लागू आरक्षण के नियम के आलोक में अंधापन व कम दृष्टिवाले नि:शक्तों की खाली पड़ी दो सीटों को अगली नियुक्ति परीक्षा के लिए बैकलॉग माना जाना चाहिए. नि:शक्तों के लिए आरक्षित सीटों के नहीं भरने पर तीसरे वर्ष आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे सामान्य उम्मीदवारों से भरने का प्रावधान है.

इस नियम के आलोक में अंधापन व कम दृष्टिवाले दो नि:शक्त उम्मीदवार नहीं मिलने की वजह से कुल 326 रिक्तियों के मुकाबले 324 पदों पर ही नियुक्ति की अनुशंसा की जानी चाहिए, लेकिन आयोग ने सभी 326 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा की है. इससे इस श्रेणी के दो उम्मीदवारों को अगली परीक्षा में उनका कानूनी अधिकार नहीं मिल सकेगा. छठी जेपीएससी में महिलाओं के लिए 15 सीटें आरक्षित थीं, हालांकि 73 महिलाएं मेरिट लिस्ट में आयी हैं.

आयोग द्वारा नियुक्ति के लिए की गयी अनुशंसा का ब्योरा

कोटि प्रशासनिक वित्त शिक्षा सहकारिता योजना सामाजिक सुरक्षा सूचना कुल

अनारक्षित 86 03 52 19 03 09 02 06 180

अनुसूचित जाति 15 02 11 06 02 02 00 01 39

अत्यंत पिछड़ा वर्ग 01 08 00 11 00 01 01 00 00 21

पिछड़ा वर्ग 02 00 01 00 00 00 01 00 00 02

कुल संख्या 143 06 104 36 09 18 03 07 326

छठी जेपीएससी. तोड़े गये हैं कई नियम, बढ़ रहा है विवाद

छठी जेपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम के बाद आयोग ने सरकार को अनुशंसा पत्र भेजा

326 रिक्तियों के लिए 324 सफल उम्मीदवार मिले, पर 326 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा की गयी

अंधापन व कम दृष्टि नि:शक्त श्रेणी के दो उम्मीदवारों को आगे नहीं मिल पायेगा कानूनी अधिकार

क्षैतिज आरक्षण में भरी गयी सीटों की स्थिति

महिलाओं को लिए आरक्षित 15 पदों के विरुद्ध अलग से चयन नहीं किया गया, क्योंकि मेरिट लिस्ट में 73 महिलाएं आ गयी हैं

खेल-कूद के लिए आरक्षित छह सीटों के मुकाबले कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला

दृष्टि नि:शक्त के सात आरक्षित पदों के मुकाबले योग्य उम्मीदवार की अनुशंसा की गयी है. दो पदों पर अनुशंसा नहीं की गयी है

श्रवण नि:शक्त के पांच पदों के मुकाबले पांच के नियुक्ति की अनुशंसा की गयी है

चलन नि:शक्त के चार पदों के मुकाबले दो की अनुशंसा की गयी है. दो चलन नि:शक्त मेरिट लिस्ट के हिसाब से चुने गये हैं. इसलिए क्षैतिज आरक्षण के चारों पद भर गये हैं.

  • आरक्षण का प्रावधान

संकल्प संख्या 5671 दिनांक 4-7-2016 के नियम सात में नि:शक्तों के लिए दिये गये आरक्षण में अदला-बदली का प्रावधान है

नियम ( 7.1) : बेंचमार्क नि:शक्तताग्रस्त व्यक्ति की नियुक्ति यदि सुयोग्य उम्मीदवार के अभाव में किसी नियुक्ति वर्ष में नहीं की जा सके, तो बाद के नियुक्त वर्ष में आरक्षण का अग्रणयन किया जायेगा. यदि नियुक्ति वर्ष में सुयोग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हो, तो पहले बेंचमार्क नि:शक्तता के चार प्रवर्गों के बीच आरक्षण का अदला-बदली किया जायेगा.

नियम (7.2) : नियुक्ति वर्ष के अगले नियुक्ति वर्ष में यदि सुयोग्य बेंचमार्क नि:शक्तता व्यक्ति उपलब्ध नहीं हो तो विभागाध्यक्ष के अनुरोध पर नि:शक्तता से भिन्न व्यक्तियों से आरक्षित पद भरे जा सकते हैं.

नियम (7.3) : रिक्तियों की अदला-बदली के प्रस्ताव में महिला बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग का अनुमोदन जरूरी

नियम (7.4) : यदि बेंचमार्क नि:शक्तता के लिए आरक्षित पद नियुक्ति वर्ष या अगली नियुक्ति वर्ष में नहीं भरे जा सके, तो ऐसी रिक्ति अगली चक्र के लिए बैकलॉग रिक्ति के रूप में अग्रणीत किये जा सकेंगे.

Post by : Pritish Sahay

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