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JPSC News : 6th JPSC मेरिट लिस्ट रद्द होने पर पूर्व सीएम रघुवर दास बोले- नियोजन वर्ष में नियोजन पर है आफत

JPSC News (जमशेदपुर) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा 6th JPSC परीक्षा के अंतिम परिणाम के बाद बने मेरिट लिस्ट को अवैध बताते हुए रद्द करने के निर्णय को राज्य सरकार की नाकामी बताया. साथ ही राज्य की झामुमो-कांग्रेस सरकार की नाकामी का दस्तावेज और सरकार के नियुक्ति वर्ष (2021) की घोषणा की फजीहत बताया है.

JPSC News (जमशेदपुर) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा 6th JPSC परीक्षा के अंतिम परिणाम के बाद बने मेरिट लिस्ट को अवैध बताते हुए रद्द करने के निर्णय को राज्य सरकार की नाकामी बताया. साथ ही राज्य की झामुमो-कांग्रेस सरकार की नाकामी का दस्तावेज और सरकार के नियुक्ति वर्ष (2021) की घोषणा की फजीहत बताया है.

पूर्व सीएम रघुवर दास ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि खतियान के आधार पर नियोजन नीति बनाने का झूठा वादा कर चुनकर आयी झामुमो-कांग्रेस सरकार ने उनकी सरकार (पूर्ववर्ती भाजपा सरकार) द्वारा आदिवासियों-मूलवासियों के लिए बनायी गयी हितकारी नियोजन नीति को नहीं बचा सकी और नयी नियोजन नीति बनाने के लिए कुछ नहीं किया. सरकार ने वर्ष 2021 में नियुक्ति वर्ष घोषित किया था, लेकिन सरकार के लापरवाही की वजह से कई नियुक्तियां खत्म होने जा रही है.

श्री दास ने कहा कि जानकारी के अनुसार पेपर-1, जो हिन्दी-अंग्रेजी का पत्र था, उसके अंक को मेरिट के अंक में जोड़ दिये गये, जिससे झारखंड के हिंदी भाषी-मूलवासी लोगों को नुकसान हुआ. न्यायालय ने सरकार को इस गलती को पकड़कर हिंदी भाषी-मूलभाषी अभ्यर्थियों को होने वाले अन्याय से बचा लिया.

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रघुवर दास ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा मेरिट लिस्ट की गड़बड़ियों को दूरकर नयी मेरिट लिस्ट बनाने का जो निर्देश दिया गया है उसकी वजह से कई सफल अभ्यर्थी बाहर हो सकते हैं और कई नवनियुक्त अधिकारियों की नौकरी खत्म हो सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री ने न्यायालय द्वारा दोषियों को चिह्नित कर जो कार्रवाई करने का आदेश दिया है, उसका स्वागत किया है और सरकार से कहा है कि वह इस मामले की सीबीआइ से जांच क्यों नहीं करवा लेती है, ताकि यह पता चले कि इन गलतियों, गड़बड़ियों के पीछे किसका फायदा निहित था.

जेटेट परीक्षा शीघ्र आयोजित करे राज्य सरकार

इसके अलावा श्री दास ने जेटेट परीक्षा के शीघ्र आयोजन की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान वर्ष 2016 में जेटेट परीक्षा आयोजित की गयी थी. इसमें 50 हजार से ज्यादा अभ्यार्थी पास हुए थे. इसके बाद लगभग 30 हजार शिक्षकों की नियुक्ति भी की गयी. इस बीच 2021 तक लगभग पांच लाख छात्र-छात्राएं शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स (डीइएलइटी, बीएड) को पूरा कर जेटेट के लिए योग्यता हासिल कर चुकी है, लेकिन परीक्षा के आयोजन न होने से उनका भविष्य अंधकारमय बना हुआ है. उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से जल्द से जल्द जेटेट परीक्षा कराने की मांग की.

रघुवर दास ने कहा कि राज्य में 90 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. इनके भरने की प्रक्रिया भी यथाशीघ्र शुरू की जानी चाहिए. इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा. केंद्र सरकार ने हाल ही में योग्यता परीक्षा के लिए समयावधि की बाध्यता को समाप्त कर इसे जीवनपर्यंत कर दिया है. ऐसे में झारखंड सरकार भी इस निर्णय को तुरंत लागू करें.

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हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

श्री दास ने कहा कि पारा शिक्षक भी राज्य सरकार से अपनी मांगों के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं. हमारी सरकार ने पारा शिक्षकों के लिए एक कमेटी बनाकर नियमावली तैयार की थी, जिसमें पारा शिक्षक संघ की भी सहमति थी. इसे भी सरकार कैबिनेट में लाकर तुरंत लागू करें. इससे बड़ी संख्या में पारा शिक्षकों को राहत मिलेगी. पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष बनाने का भी प्रस्ताव था. इससे किसी तरह की आपातकालीन स्थिति में पारा शिक्षकों की सहायता प्रदान किये जाने की योजना थी.

Posted By : Samir Ranjan.

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