आवेदन की तिथि के बाद जमा होने वाले प्रमाण पत्र अमान्य, JPSC ने कार्मिक विभाग को दिये सुझाव

आयोग अपवाद की स्थिति में किसी अभ्यर्थी से उसकी उपयुक्तता के लिए प्रमाण पत्र कागजात सत्यापन की तिथि तक उपलब्ध कराने का निर्णय ले सकेगा. आयोग ने कहा है कि मुख्य परीक्षाफल प्रकाशन के लिए क्षैतिज आरक्षण का उल्लेख नहीं है

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2023 10:00 AM

संजीव सिंह, रांची :

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में अब आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए निर्गत प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद का मान्य नहीं होगा. इसके लाभ के लिए अभ्यर्थी को विहित प्रपत्र में आरक्षण प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक होगा. जेपीएससी ने झारखंड सिविल सेवा परीक्षा नियमावली 2023 (द्वितीय संशोधन) में इसे शामिल करने के लिए कार्मिक विभाग से आग्रह किया है. इसके अलावा आयोग ने कार्मिक विभाग को तैयार संशोधित नियमावली में और भी कई बिंदुओं को शामिल करने का आग्रह किया है. आयोग के सुझाव को शामिल करने के बाद नियमावली शीघ्र लागू कर दी जायेगी.

आयोग का मानना है कि पूर्व असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2021 (सातवीं से 10वीं) में कट ऑफ मार्क्स से अधिक अंक लाने के बावजूद विहित प्रपत्र में सर्टिफिकेट नहीं होने तथा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद का प्रमाण पत्र निर्गत होने के कारण आरक्षित कोटि के कई अभ्यर्थियों का चयन अंतिम रूप से नहीं हो सका. इस कारण कई कानूनी विवाद उत्पन्न हो गये. इसलिए द्वितीय संशोधन में इसका ख्याल रखना आवश्यक है. इस संबंध में आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि आयोग अपवाद की स्थिति में किसी अभ्यर्थी से उसकी उपयुक्तता के लिए प्रमाण पत्र कागजात सत्यापन की तिथि तक उपलब्ध कराने का निर्णय ले सकेगा. आयोग ने कहा है कि मुख्य परीक्षाफल प्रकाशन के लिए क्षैतिज आरक्षण का उल्लेख नहीं है, जिसे शामिल करने की आवश्यकता है.

जबकि प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में क्षैतिज आरक्षण देने के लिए परीक्षाफल तैयार करने की प्रक्रिया स्पष्ट करने की आवश्यकता है. कार्मिक को मिले पत्र में आयोग ने कहा है कि द्वितीय संशोधित नियमावली में परीक्षाफल तैयार करने के लिए विभिन्न कोटियों के लिए न्यूनतम अर्हतांक की तालिका दर्शायी गयी है, लेकिन विभिन्न कोटियों के साथ दिव्यांगों एवं खेलकूद के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्हतांक भी दर्शाने की जरूरत है. नियमावली में कैटेगरीवाइज सेवा व रिक्ति में क्षैतिज आरक्षण का विवरण उदाहरण के रूप में देने की आवश्यकता भी है. आयोग ने तैयार नियमावली में यह भी सुझाव दिया है कि टेबुलेशन व मेरिट में बदलाव की आवश्यकता है. आयोग ने कार्मिक विभाग से नियमावली में आवश्यक संशोधन कर शीघ्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करायी जा सके.

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