Loading election data...

नहीं होगी जेपीएससी पीटी की सीबीआई जांच, कार्मिक विभाग ने जांच से किया इनकार, सवालों का दिया ये जवाब

कार्मिक विभाग ने जेपीएससी पीटी परीक्षा को सीबीआई जांच कराने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि परीक्षा में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. कार्मिक विभाग ने वैसे सभी प्रशनों का लिखित जवाब दिया है जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही थी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 21, 2021 6:38 AM

रांची : जेपीएससी द्वारा ली गयी सातवीं, आठवीं, नौवीं व 10वीं सिविल सेवा पीटी में कार्मिक विभाग ने किसी प्रकार की गड़बड़ी होने अौर निगरानी या सीबीआइ जांच कराने से इनकार कर दिया है. कार्मिक विभाग के अवर सचिव दिलीप कुमार साह ने यह लिखित जानकारी दी है.

कार्मिक विभाग से पूछा गया कि क्या यह बात सही है कि जेपीएससी ने सातवीं से 10वीं पीटी का आयोजन अभी हाल में ही किया है तथा एक ऐसी आउटसोर्सिंग कंपनी से परीक्षा संचालन कराया है, जिसे बिहार सरकार ने ब्लैक लिस्ट किया है. जिसके विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज किया गया है. इसके जवाब में कहा गया है कि यह अस्वीकारात्मक है. वस्तुत: परीक्षा का संचालन जिलों के उपायुक्तों द्वारा कराया गया है.

दूसरे सवाल के रूप में पूछा गया कि क्या यह बात सही है कि उक्त कंपनी ने जेपीएससी पीटी में प्रश्नों के मॉडल अांसर/चयन/परीक्षा केंद्रों में लगातार एक ही कमरे से कई दर्जनों परीक्षार्थियों को सफलता हासिल कराने/अनियमितता बरतने का काम किया है. जवाब में कहा गया कि यह अस्वीकारात्मक है. वस्तुत: प्रश्नों के मॉडल उत्तर का चयन आयोग द्वारा चयनित विषय विशेषज्ञ से कराया गया है.

तीसरा सवाल किया गया कि क्या यह बात सही है कि परीक्षा नियमावली व विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन कर जेपीएससी ने पीटी परीक्षा का परिणाम प्रकाशित किया है, जो नियम विरुद्ध है. इस पर जवाब दिया गया कि जेपीएससी द्वारा 16 दिसंबर को कहा गया है कि पीटी का परिणाम विज्ञापन की शर्तों एवं नियमावली के प्रावधानों के आलोक में प्रकाशित किया गया है.

कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के द्वारा प्रारंभिक परीक्षाफल के प्रकाशन के परिप्रेक्ष्य में द झारखंड कंबांइंड सिविल सर्विस एग्जामिनेशन रूल 2021 के नियम 17 अौर 18 तथा द झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विस एग्जामिनेशन (प्रथम संशोधन) रूल 2021 के नियम दो अौर तीन के आलोक में समीक्षोपरांत तथ्यात्मक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है. मालूम हो कि यह मामला विधानसभा में आया था, जिसमें कार्मिक विभाग की अोर से बिंदुवार जवाब दिया गया है. कार्मिक विभाग ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है.

Posted by : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version