रांची : सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी का संशोधित रिजल्ट जारी किया जायेगा. झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को इस आशय का शपथ पत्र दायर कर जेपीएससी ने संशोधित रिजल्ट जारी करने की अनुमति मांगी है. हाइकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई 15 फरवरी को होगी. यहां बताते चलें कि पीटी के पूर्व में जारी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. अदालत से परिणाम रद्द कर संशोधित रिजल्ट जारी करने और मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने जेपीएससी से जवाब मांगा था.
25 जनवरी को जेपीएससी ने शपथ पत्र दाखिल कर पीटी रिजल्ट में गड़बड़ी की बात स्वीकारी थी और तीन सप्ताह में संशोधित रिजल्ट निकालने की बात कही थी. आयोग ने 28 जनवरी से होने वाली मुख्य परीक्षा भी स्थगित कर दी थी. इसके बाद अदालत ने 15 फरवरी को सुनवाई निर्धारित की थी. उल्लेखनीय है कि संयम कुमार ने याचिका दायर कर सातवीं से दसवीं तक के प्रारंभिक परिणाम को चुनौती दी है.
जिसमें कहा गया है कि सातवीं जेपीएससी पीटी में आरक्षण दिया गया है, जो गलत है. इसमें आरक्षण देने की जानकारी परीक्षा के लिए प्रकाशित विज्ञापन में नहीं थी. सरकार ने पीटी में आरक्षण देने की नीति नहीं बनायी है, जिसके अनुसार इसमें आरक्षण का लाभ दिया जा सके. उन्होंने पीटी में आरक्षण दिये जाने का दावा करते हुए कहा कि सामान्य श्रेणी की 114 सीटें थीं. नियमानुसार 15 गुना परिणाम जारी होने चाहिए. ऐसे में सामान्य श्रेणी के 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए. लेकिन सिर्फ 768 उम्मीदवारों का ही चयन किया गया. इससे स्पष्ट है कि पीटी रिजल्ट में आरक्षण दिया गया है.
रांची. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा सातवीं, आठवीं, नौवीं व 10वीं पीटी के संशोधित रिजल्ट में कई अभ्यर्थी बाहर होंगे, जबकि कई नये अभ्यर्थी जुड़ेंगे. छात्र नेता मनोज यादव ने पत्रकारों से कहा है कि जेपीएससी यदि पीटी का नया कटऑफ जारी करता है, तो इस आधार पर लगभग 1040 अभ्यर्थी बाहर होंगे, जबकि नये अभ्यर्थी संशोधित रिजल्ट में शामिल होंगे.
नया कटऑफ सामान्य में 248, एसटी में 232, एससी में 242, इडब्ल्यूसी में 246, बीसी में 248 अौर इबीसी में 248 हो सकता है. यदि छठे सिविल सेवा परीक्षा की तरह ही अतिरिक्त रिजल्ट निकाला गया, तो मामला अौर भी उलझेगा, क्योंकि यह अपने ही विज्ञापन की नियमावली का उल्लंघन होगा, जिसके कारण रिजल्ट 15 गुना से बढ़ कर कई गुना हो जायेगा.
श्री यादव ने मांग उठायी कि सरकार और आयोग सातवीं सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी समस्या का समाधान करना चाहते हैं, तो परीक्षा को ही रद्द कर अमर बाउरी कमेटी की सिफारिश को लागू करते हुए सभी चरणों में आरक्षण देते हुए नयी नियमावली के साथ विज्ञापन निकाले.
Posted By: Sameer Oraon