झारखंड जनजातीय महोत्सव में पलाश और आदिवा ज्वेलरी की रही धूम, CM ने ग्रामीण महिलाओं को किया प्रोत्साहित
दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महोत्सव का बुधवार को समापन हो गया. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने ग्रामीण महिलाओं का उत्साहवर्द्धन किया. इस महोत्सव में आदिवासी रीति-रिवाज से जुड़े कई स्टॉल लगाए गए. JSLPS द्वारा लगाए पलाश और आदिवा ज्वेलरी स्टॉल की धूम रही. करीब 6 लाख रुपये के पलाश उत्पादों की बिक्री हुई.
Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महाेत्सव 2022 (Jharkhand Tribal Festival 2022) का बुधवार को समापन हो गया. इस महोत्सव में ग्रामीण विकास विकास (Rural Development Development) अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (Jharkhand State Livelihood Promotion Society-JSLPS) द्वारा पलाश एवं आदिवा ज्वेलरी धूम रही है. साथ ही आजीविका दीदी कैफे के जरिए महोत्सव में आए लोगों को पारंपरिक आदिवासी भोजन भी उपलब्ध कराये गए. इस महोत्सव में ग्रामीण महिलाओं के हुनर को सीएम हेमंत सोरेन ने सराहा, वहीं सखी मंडल की दीदियों को प्रोत्साहित भी किया.
मुख्यमंत्री ने खरीदा सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित तिरंगा
महोत्सव के पहले दिन इसका उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों का जायजा लेकर उनका उत्साहवर्धन किया. साथ ही स्टॉल में मौजूद सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित तिरंगा खरीदा.
पलाश ब्रांड के 29 उत्पादों को रखा गया
इस महोत्सव में पलाश ब्रांड अंतर्गत स्टॉल में सखी मंडल की महिलाओं द्वारा तैयार किये गये करीब 29 तरह के उत्पादों को बिक्री के लिए रखा गया था. इस दौरान शुद्ध सरसों तेल, अचार, मधु, मड़ुआ आटा, मसाला, लोबिया, लेमनग्रास एवं साबुन की काफी डिमांड रही. वहीं, पलाश के अचार भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा. जामुन सिरका, कालमेघ, पलाश साबुन, डिटर्जेंट, लिक्विड हैंडवॉश भी लोगों ने काफी पसंद किया.
Also Read: World Indigenous Day 2022: बिना संगठित हुए असंगठित समाज का नहीं हो सकता विकास- सिमडेगा DDCआदिवा ज्वेलरी की डिमांड रही
महोत्सव में रक्षा बंधन को लेकर आदिवा ज्वेलरी की काफी डिमांड रही. सखी मंडल की बहनों द्वारा निर्मित आदिवासी पारंपरिक ज्वेलरी ब्रांड आदिवा के तहत चांदी एवं अन्य धातुओं से बने ज्वेलरी, जैसे झुमका, बाली आदि को काफी लोगों ने खरीदा. वहीं, राज्य की सांस्कृतिक एवं पारंपरिक आभूषणों को सहेजने एवं नयी पहचान देने की इस पहल को लोगों ने खूब सराहा.
पारंपरिक पकवान भी रहा आकर्षण का केंद्र
महोत्सव में ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित ‘आजीविका दीदी कैफे’ में जायका लेने वालों की भीड़ लगी रही. आजीविका दीदी कैफै में करीब 26 तरह के पारंपरिक व्यंजन एवं पकवान तैयार किए गए थे. कैफे में इन दीदियों ने करीब 3000 पारंपरिक थाली परोसी, जिसमें झारखंड के लोकप्रिय व्यंजन धुसका, पीठा, डूम्बू आदि को लोगों ने काफी पसंद किया.
करीब 6 लाख रुपये के पलाश उत्पादों की बिक्री
सखी मंडल के उत्पादों का अपना ब्रांड ‘पलाश’ और पारंपरिक ज्वेलरी कलेक्शन ‘अदिवा ज्वेलरी’ की काफी डिमांड रही. महोत्सव में लगे स्टॉल के जरिए सखी मंडल की महिलाओं ने करीब छह लाख रुपये का कारोबार किया. वर्ष 2020 में झारखंड में सखी मंडल की महिलाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर पलाश ब्रांड की शुरुआत की गयी थी. इससे जुड़कर वर्तमान में करीब दो लाख ग्रामीण महिलाएं अपनी आजीविका को सशक्त कर रही हैं. फिलहाल पलाश ब्रांड के तहत 29 उत्पाद विभिन्न जिलों में 231 पलाश मार्ट के साथ ही अमेजन और फ्लिपकार्ट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है.
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