JSSC Exam: जेनरल छात्रों को झारखंड में ही बांध कर रखेंगे? हाईकोर्ट ने लगायी सरकार को फटकार, जानें मामला

झारखंड हाईकोर्ट ने जेएसएससी परीक्षा संशोधन नियमावली को लेकर सरकार से पूछा है कि समान्य छात्रों को क्या राज्य में बंद रखना चाहती है. संविधान के आर्टिकल 14 व 16 को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि नियमावली का उल्लंघन हो रहा है

By Prabhat Khabar News Desk | January 28, 2022 9:06 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने जेएसएससी स्नातकस्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर नहीं करने पर नाराजगी जतायी. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि संशोधन नियमावली से ऐसा लगता है कि सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रावधान को अनिवार्य बनाकर सरकार उन्हें झारखंड से बाहर जाकर पढ़ाई करने से रोकना चाहती है.

झारखंड में ही उन्हें बांध कर रखेंगे और महामानव बना रहे हैं, जबकि झारखंड के ही शिक्षण संस्थानों से मैट्रिक व 12वीं उत्तीर्ण होने संबंधी प्रावधान से आरक्षित वर्ग के लोगों को छूट दी गयी है. आरक्षित वर्ग के विद्यार्थी बाहर जाकर पढ़ सकेंगे. बहाली में शामिल हो सकेंगे. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि जेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली के उक्त प्रावधान को प्रथमदृष्टया देखने से प्रतीत होता है कि संविधान की आर्टिकल 14 व 16 का उल्लंघन हो रहा है.

खंडपीठ ने कहा कि कई नियुक्ति प्रक्रियाएं शुरू की गयी है. यदि मामले में और विलंब होता है, तो अन्य नियुक्तियां भी प्रभावित हो सकती है. ऐसे में क्यों नहीं नियुक्ति प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी जाये. खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दायर करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अपराजिता ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि सरकार मामले में विलंब कर रही है. बार-बार अवसर मिलने के बावजूद जवाब दायर नहीं किया जा रहा है. वहीं जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रमेश हांसदा व कुशल कुमार की ओर से याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने जेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन नियमावली 2021 को चुनौती दी है.

Posted by : Sameer Oraon

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