JSSC ने शिक्षक मुकेश रंजन की अभ्यर्थितता कर दी थी रद्द, हाईकोर्ट ने दिया 8 हफ्ते में नियुक्त करने का आदेश
मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि बीसीए साइंस स्ट्रीम का अभिन्न हिस्सा है. देश में शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं.
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए ) की शैक्षणिक योग्यता रखनेवाले मुकेश रंजन को शारीरिक शिक्षक पद पर आठ सप्ताह में नियुक्त करने का आदेश दिया है. अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए अपने फैसले में कहा कि बीसीए पाठयक्रम साइंस स्ट्रीम का अभिन्न अंग है. अदालत ने गुरुवार को उक्त फैसला सुनाया. 23 अगस्त को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि बीसीए साइंस स्ट्रीम का अभिन्न हिस्सा है. देश में शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं.
कई नये पाठयक्रम शामिल किये गये हैं, जो आर्ट्स, साइंस अथवा कॉमर्स स्ट्रीम का हिस्सा है. 2014 में यूजीसी के गजट प्रकाशन में जिक्र है कि बीसीए साइंस स्ट्रीम का अभिन्न हिस्सा है. इसलिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा प्रार्थी की अभ्यर्थितता रद्द करना गलत है. वहीं जेएसएससी की ओर से बताया गया कि संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा-2016 के विज्ञापन के अनुसार प्रार्थी के पास शैक्षणिक अर्हता नहीं है, इसलिए अभ्यर्थितता रद्द कर दी गयी थी.
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क्या है मामला :
प्रार्थी मुकेश रंजन ने रिट याचिका दायर कर जेएसएससी द्वारा अभ्यर्थितता रद्द किये जाने को चुनाैती दी थी. रिट याचिका खारिज होने के बाद प्रार्थी ने अपील याचिका दायर की थी. खंडपीठ ने प्रार्थी की अपील को स्वीकृत करते हुए मामले को पुन: विचार करने के लिए एकल पीठ के पास भेज दिया था.