JSSC की ओर से नियुक्ति की अनुशंसा हो जाने के बाद भी 9 माह से भटक रहे 116 युवा, यहां फंसा है पेंच
निम्न वर्गीय लिपिक के रूप में चयनित 116 सफल परीक्षार्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है, क्योंकि बोकारो, गिरिडीह, लोहरदगा, पलामू और चाईबासा में रिक्त पदों की उपलब्धता आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में नहीं है.
रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित 676 सफल आवेदकों में से 116 को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है. इसकी वजह संबंधित जिलों में आयोग द्वारा की गयी अनुशंसाओं के आलोक में रिक्त पदों का नहीं होना है. रिक्त पदों की कमी से 116 सफल उम्मीदवार पिछले एक साल से नियुक्ति पत्र के लिए भटक रहे है. इन्हें एक पिछले जून माह में ही एक समारोह आयोजित कर नियुक्ति पत्र दिये गये थे, जिसमें से कुछ को तब के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति पत्र दिया था.
सरकार ने निम्न वर्गीय लिपिक के पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 में दो विज्ञापन प्रकाशित किये थे. विज्ञापन संख्या 1/2017 नियमित पदों और विज्ञापन संख्या 2/2017 बैकलॉग पदों को भरने के लिए प्रकाशित किया गया था. न्यायालय द्वारा अवमानना वाद संख्या 612/2022 में दिये गये फैसले के आलोक में आयोग ने निम्न वर्गीय लिपिक के नियमित पदों पर नियुक्ति के लिए 676 सफल परीक्षार्थियों की अनुशंसा की. साथ ही बैकलॉग पदों को भरने के लिए 31 सफल परीक्षार्थियों की भी अनुशंसा की.
आयोग ने राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जिलावार रिक्तियों के आलोक में सफल परीक्षार्थियों को नियुक्त करने की अनुशंसा की. चार मई 2023, को आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा के आलोक में भू-राजस्व विभाग ने सभी जिलों को निम्न वर्गीय पदों पर नियुक्त करने का आदेश दिया. साथ ही मुख्यमंत्री ने 22 जून को कार्यक्रम आयोजित कर नियुक्ति पत्र भी बांटा, लेकिन जिलों में रिक्त पदों की कमी की वजह से 676 अनुशंसित परीक्षार्थियों में से सिर्फ 523 को नियुक्ति पत्र देकर योगदान कराया गया.
निम्न वर्गीय लिपिक के रूप में चयनित 116 सफल परीक्षार्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है, क्योंकि बोकारो, गिरिडीह, लोहरदगा, पलामू और चाईबासा में रिक्त पदों की उपलब्धता आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में नहीं है. जिलो में निम्न वर्गीय लिपिक के पदों के कम होने की वजह से बोकारो, गिरिडीह, लोहरदगा, पलामू और चाईबासा के उपायुक्तों ने भू-राजस्व विभाग को पत्र लिख कर इस बारे में राय मांगी. उपायुक्तों की राय के आलोक में भू-राजस्व विभाग ने कार्मिक प्रशासनिक विभाग से राय मांगी.
कार्मिक विभाग ने इन निम्न वर्गीय लिपिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के रिक्त पदों पर नियुक्त करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे दूसरे संवर्ग के पदों की संरचना बिगड़ जायेगी. हालांकि कार्मिक विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए विकल्प बताया. इसमें यह कहा गया कि आयोग की अनुशंसा के आलोक में जिन जिलों में नियुक्ति के बाद पद खाली रह गये हैं, उन जिलों के रिक्त पदों पर इन 116 सफल उम्मीदवारों को नियुक्त किया जा सकता है. कार्मिक विभाग द्वारा सुझाये गये इस विकल्प के बाद से भू-राजस्व विभाग विभिन्न जिलों से निम्न वर्गीय लिपिक के रिक्त पदों का ब्योरा जुटाने में लगा है. दूसरी तरफ 116 सफल परीक्षार्थी नियुक्ति पत्र लेने के लिए भटक रहे हैं.