Jharkhand JSSC News In Hindi रांची : संयुक्त इंटरमीडिएट स्तरीय (पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय लिपिक) प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी नहीं हो पाया है. 3088 पदों के लिए शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया के तहत सितंबर 2019 में अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का भी सत्यापन हो चुका है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद से 20 माह से अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन अंतिम मेधा सूची भी प्रकाशित नहीं की गयी है. आयोग द्वारा अंतिम मेधा सूची लगभग तैयार कर ली गयी है. राज्य सरकार की हरी झंडी नहीं मिलने के कारण उसका प्रकाशन नहीं हो पा रहा है.
बताया गया कि यदि सरकार का परामर्श मिल जाये, तो कुछ ही दिनों में अंतिम मेधा सूची प्रकाशित हो सकती है. जानकारी के अनुसार, आयोग की ओर से राज्य सरकार को अंतिम मेधा सूची प्रकाशन को लेकर सात बार पत्र भेज कर परामर्श मांगा गया, सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार व राजभाषा विभाग से अंतिम मेधा सूची प्रकाशन पर कोई परामर्श नहीं दिया गया.
हालांकि कार्मिक की ओर से फरवरी 2021 में आयोग को पत्र भेजकर परीक्षा संबंधी कार्यों पर रोक लगा दी गयी थी. तब से आयोग में परीक्षा, परीक्षाफल तैयार करने या परीक्षाफल प्रकाशन से संबंधित सभी कार्य स्थगित हो गये हैं.
झारखंड हाइकोर्ट द्वारा रिट याचिका में पारित आदेश के अनुपालन को लेकर आयोग द्वारा 25 जनवरी तथा 25 फरवरी 2021 को तार्किक आदेश जारी किया गया था. तार्किक आदेश जारी हुए भी साढ़े चार माह गुजर गया. तार्किक आदेश में आयोग ने संयुक्त मेधा सूची प्रकाशित करने की बात कही है.
तार्किक आदेश की कंडिका नौ में कहा है कि विज्ञापन की शर्तों, नियमावली व विषय वस्तु को अक्षादित करते न्याय निर्णयों का संज्ञान लेते हुए, आरक्षण कोटिवार मेधा सह विकल्प को अक्षुण्ण रखते हुए सभी विकल्पों का परीक्षण कर परीक्षाफल गठित व प्रकाशित किया जायेगा. हाइकोर्ट ने आठ सप्ताह के अंदर तार्किक आदेश निकाल कर अग्रेतर कार्रवाई करने का आदेश दिया था. अभ्यर्थी संयुक्त मेधा सूची का इंतजार कर रहे हैं.
सरकार व आयोग के अधिकारियों की कार्यशैली से हजारों अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर सशंकित है. वर्तमान स्थिति से क्षुब्ध व नाराज अभ्यर्थियों का कहना है कि अंतिम मेधा सूची तैयार कर ली गयी है. उसका प्रकाशन नहीं कर हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इससे अभ्यर्थियों में आक्रोश बढ़ रहा है.
Posted By : Sameer Oraon