झारखंड सरकार ने सदन में कहा- JSSC प्रश्न पत्र लीक मामले में नहीं बख्शे जायेंगे दोषी
मंत्री आलमगीर आलम ने सदन में कहा कि जेएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. हालांकि लंबोदर महतो ने सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया था. लेकिन सरकार के जवाब से वे संतुष्ट नहीं हुए.
रांची : विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जेएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. फिलहाल सरकार की ओर से इस मामले की जांच एसआइटी की ओर से की जा रही है. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है. जांच में फलाफल नहीं निकला तो आगे की कार्रवाई की जायेगी. श्री आलम आजसू विधायक सुदेश महतो के गैर सरकारी संकल्प पर सरकार का जवाब दे रहे थे. सुदेश महतो की ओर से गैर सरकारी संकल्प रखते हुए लंबोदर महतो ने इस मामले की सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया. कहा कि सरकार की ओर से गठित एसआइटी पर्याप्त नहीं है. सरकारी की ओर से सिर्फ छोटी मछली पर कार्रवाई की जा रही है. बड़ी मछली को बचाया जा रहा है.
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को परीक्षा आयोजित करने का जिम्मा दिया गया. दूसरे राज्य में इस कंपनी के खिलाफ सीबीआइ जांच चल रही है. सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर स्पीकर ने वोटिंग कराया, जिसमें सुदेश महतो का गैर सरकारी संकल्प अस्वीकृत हुआ. इसी प्रकार अंबा प्रसाद ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होने पर गैर सरकारी संकल्प वापस लेने से मना कर दिया. इसके बाद वोटिंग से इनका गैर सरकारी संकल्प अस्वीकृत हुआ. पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना से विस्थापित रैयतों को कंपनी द्वारा खनन कार्य शुरू करनेवाले वर्ष को आधार मानते हुए मुआवजा एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया गया कि सरकार की ओर से जब से खनन कार्य शुरू हुआ है, उसी को कट ऑफ डेट निर्धारित करते हुए मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है.
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही का गैर सरकारी संकल्प वोटिंग से अस्वीकृत हुआ. श्री शाही ने अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण करते हुए सम्मानजनक वेतनमान देने का आग्रह किया. इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार इनकी मांगों को लेकर गंभीर है. इस मामले को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. रिपोर्ट आने पर इनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जायेगा. इस पर विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि सरकार इस मामले में टाल मटोल कर रही है. तीन साल पहले कमेटी बनी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है. उन्होंने झामुमो के घोषणा पत्र का भी हवाला दिया.