Jharkhand High Court News : जज फंसे जाम में : डीजीपी, डीसी और एसएसपी हाइकोर्ट में तलब

झारखंड हाइकोर्ट ने रांची में 23 अगस्त को भाजयुमो की आक्रोश रैली के दिन अपने सिटिंग जज जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी के कांके रोड में जाम में फंसने की घटना को गंभीरता से लिया है. मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने डीजीपी, रांची के उपायुक्त, एसएसपी व ट्रैफिक एसपी को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2024 12:51 AM

वरीय संवाददाता (रांची). झारखंड हाइकोर्ट ने रांची में 23 अगस्त को भाजयुमो की आक्रोश रैली के दिन अपने सिटिंग जज जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी के कांके रोड में जाम में फंसने की घटना को गंभीरता से लिया है. मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने डीजीपी, रांची के उपायुक्त, एसएसपी व ट्रैफिक एसपी को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. निर्देश के बाद उक्त अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए.

अदालत ने अधिकारियों को लगायी कड़ी फटकार

जस्टिस द्विवेदी की अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए मौखिक रूप से कहा कि जब हाइकोर्ट के सिटिंग जज सीएम आवास के पास जाम में फंस रहे हैं, उन्हें निर्धारित स्थल पर पहुंचने में कई घंटे का समय लग रहा है, तो आम जनता की स्थिति क्या होगी, यह समझा जा सकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि साजिश के तहत उन्हें रोका गया. कहा कि कांके रोड में किसी तरह कोई प्रदर्शन नहीं था. फिर भी वहां 300 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे. नाराज अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस तरह की घटना से ऐसा लगता है कि विधि-व्यवस्था फेल है. यह गंभीर मामला है. हाइकोर्ट के सिटिंग जज सुरक्षित नहीं है. लगता है सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ मंत्रियों व राजनीतिज्ञों के लिए है. जब हाइकोर्ट का एक सिटिंग जज सुरक्षित नहीं है, तो अन्य दूसरे कोर्ट का भी न्यायाधीश सुरक्षित नहीं है. अदालत ने संज्ञान लेते हुए मामले को एक्टिंग चीफ जस्टिस के पास विस्तृत सुनवाई के लिए भेज दिया. इससे पूर्व अदालत में सशरीर उपस्थित डीजीपी की ओर से बताया गया कि दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी. व्यवस्था में कुछ चूक हुई है. अब ऐसा नहीं होगा.

यह है मामला :

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस द्विवेदी ने कहा कि 23 अगस्त को हाइकोर्ट से लौटने के क्रम में सीएम आवास के समक्ष जाम की वजह से उन्हें रुकना पड़ा. गाड़ी जाम में फंसने पर उनके पीएसओ ने ट्रैफिक एसपी सहित कई उच्चाधिकारियों से मोबाइल से संपर्क करने का प्रयास किया. कई बार प्रयास करने के बाद भी दूसरी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिला. इसके बाद हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से संपर्क किया गया, जिसके बाद उन्होंने डीजीपी से बात की तथा इसकी सूचना दी. डीजीपी के दिशा-निर्देश के बाद उनकी गाड़ी को जाम से निकाला गया. इस दौरान जाम में वह आधा घंटा से अधिक समय से फंसे रहे.

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