रांची के जुमार नदी के किनारे सात करोड़ की लागत से RRDA बनायेगा अत्याधुनिक शवदाह गृह
शवदाह गृह के निर्माण को लेकर आरआरडीए ने टेंडर निकाला है. टेंडर फाइनल करने की तिथि 22 अगस्त है. टेंडर फाइनल होने के एक साल के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.
रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) सात करोड़ की लागत से जुमार नदी (बूटी मोड़) के समीप अत्याधुनिक शवदाह गृह का निर्माण करायेगा. यहां गैस चालित मशीनों व लकड़ी दोनों तरीके से शवों का दाह संस्कार किया जा सकेगा. शवदाह गृह के निर्माण को लेकर आरआरडीए ने टेंडर निकाला है. टेंडर फाइनल करने की तिथि 22 अगस्त है. टेंडर फाइनल होने के एक साल के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.
नये शवदाह गृह में ये सुविधाएं होंगी :
नये शवदाह गृह के निर्माण में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि यह दिखने में किसी प्रकार से शवदाह गृह न लगे. इसके लिए यहां गार्डेनिंग, बैठने के लिए बेंच, पेयजल की व्यवस्था व शौचालय का निर्माण किया जायेगा. साथ ही 50 चारपहिया व 100 दोपहिया वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था की जायेगी.
दो बर्नर गैस का व एक बर्नर लकड़ी का :
नये शवदाह गृह में दो बर्नर गैस व एक बर्नर लकड़ी का होगा. ऐसी व्यवस्था इसलिए की जा रही है कि बहुत लोगों की इच्छा लकड़ी से अंतिम संस्कार करने की होती है. इसलिए एक बर्नर लकड़ी वाला भी बनाया जायेगा.
घाघरा का विद्युत शवदाह गृह कंडम :
2009 में आरआरडीए ने तीन करोड़ खर्च कर हरमू मुक्तिधाम व नामकुम के घाघरा में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कराया था. लेकिन, देखरेख के अभाव में घाघरा शवदाह गृह कंडम हो गया. वहीं, हरमू मुक्तिधाम स्थित शवदाह गृह का संचालन मारवाड़ी सहायक समिति कर रही है. फिलहाल यहां गैस से शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.