माता-पिता की जिद पर कृष बना तीरंदाज, भारतीय टीम में हुआ चयनित
जूनियर एशिया कप में करेगा देश का प्रतिनिधित्व लोहरदगा के कुडू का रहने वाला है कृष
जूनियर एशिया कप में करेगा देश का प्रतिनिधित्व लोहरदगा के कुडू का रहने वाला है कृष
अक्सर ये बातें सामने आती है कि बच्चे की जिद के सामने माता-पिता झुक जाते हैं और उसे उसी राह पर जाने देते हैं, जिसकी वो जिद करता है. लेकिन झारखंड में तीरंदाजी का एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसमें माता-पिता ने जिद की और बेटे ने धनुष थामा. कुछ ऐसा ही हुआ है जूनियर भारतीय तीरंदाजी टीम के तीरंदाज कृष चंद्र देव के साथ. ये अब कोरिया में चार जून से होनेवाले जूनियर एशिया कप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. इनके कोच प्रकाश राम ने बताया कि वर्षों की मेहनत ने कृष को इस मुकाम तक पहुंचाया.माता-पिता जब कृष को लेकर आये एकेडमी में
लोहरदगा के कुडू के रहनेवाले दिलीप साहू और अनिता साहू 2014 में अपने छह वर्षीय बेटे कृष को लेकर सिल्ली स्थित बिरसा मुंडा तीरंदाजी एकेडमी पहुंचे. कोच प्रकाश राम से कहा कि हमारे बच्चे का एडमिशन ले लीजिए और इसे तीरंदाज बना दीजिए. कोच ने कहा कि अभी ये छोटा है और इस उम्र में इसका नामांकन नहीं हो सकता. माता-पिता ने जिद की, लेकिन कोच नहीं माने. इसके बाद कृष को लेकर दोनों एकेडमी के संरक्षक सुदेश कुमार महतो के पास गये और एकेडमी में नामांकन का अनुरोध किया. इसके बाद कोच ने कृष का नामांकन लिया.
स्टेट में रिकॉर्ड बनाने के साथ नेशनल में है पदक
कोच प्रकाश राम ने बताया कि कृष ने 2014 में तीरंदाजी की शुरुआत की. इसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा. राज्य स्तरीय कंपाउंड प्रतियोगिता में रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में दो पदक भी जीते. वहीं भारतीय टीम में चयन होने के बाद इस खिलाड़ी को एकेडमी के संरक्षक सुदेश कुमार महतो और अध्यक्ष नेहा महतो एक कंपाउड धनुष प्रदान देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है