Jharkhand News, Gumla News गुमला : घाघरा प्रखंड के चुंदरी गांव पहुंचे झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष अप्रेस कुमार सिंह, पत्नी वंदना सिंह व झालसा के मेंबर सेक्रेटरी मोहम्मद साकिर ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों से मुलाकात की बच्चों को राजकीयकृत उच्च विद्यालय हापामुनी में कार्यक्रम आयोजित कर आर्थिक सहयोग के साथ-साथ कपड़े व मिठाई देकर बच्चों के आगे की पढ़ाई की जिम्मेदारी प्रशासन ने ली.
इस दौरान जस्टिस अप्रेस कुमार सिंह ने बताया कि अखबार के माध्यम से हम लोगों को जानकारी मिली थी कि कोरोना काल में चार बच्चे अनाथ हो गये हैं. उनके माता-पिता की मौत हो गयी है. बच्चों के परवरिश का जिम्मेदारी उसके 80 वर्षीय दादा के ऊपर आ गयी है. इस निमित्त जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला के द्वारा चारों बच्चों को 10-10 हजार रुपये का चेक दिया गया. समाज कल्याण विभाग के द्वारा 6-6 हजार रुपये का चेक दिया गया.
उन्होंने कहा कि इस तरह की महामारी से अनाथ हुए बच्चों को आने वाले दिनों में भी सहयोग किया जायेगा. जिला प्रशासन को इस तरह के गंभीर मामलों पर लगातार नजर बना कर सहयोग करने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी कहा कि सभी बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च कल्याण विभाग के द्वारा उठाया जायेगा. उन्हें अच्छी शिक्षा दी जायेगी. जिसके बाद जस्टिस ने जिला प्रशासन को अनाथ बच्चों के दादा एतवा को पेंशन व उनके रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास के तहत घर भी मुहैया कराने का निर्देश दिया.
मौके पर पीडीजे संजय कुमार, डालसा सचिव आनंदा सिंह, डीडीसी संजय बिहारी अंबष्ठ, एसडीओ रवि आनंद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, सीओ धनंजय पाठक, प्रखंड विकास पदाधिकारी विष्णुदेव कच्छप, मुखिया आदित्य भगत, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के हसीब इकबाल, शंभु सिंह, राजस्व उप निरीक्षक सुशील कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक नवल कुमार, नीलेशमणि पाठक, राजेश मणि पाठक के अलावा कई लोग मौजूद थे.
घाघरा प्रखंड के चुंदरी गांव निवासी सोमा उरांव व उनकी पत्नी करमी देवी की मौत के बाद उसके चार बच्चे गुड़िया कुमारी, प्रेम उरांव, बहादुर उरांव, फुल कुमारी अनाथ हो गये थे. जिनकी परवरिश की जिम्मेदारी उसके दादा खेतवा उरांव के ऊपर आ गयी थी. इस खबर को प्रभात खबर में प्रमुखता से छापी गयी थी. जिसके बाद न्यायाधीशों की टीम ने गांव में पहुंच कर पूरे मामले की छानबीन करते हुए सहयोग किया.
Posted By : Sameer Oraon