रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस के निर्देश पर राजभवन ने जेयूटी (झारखंड यूनिवर्सिटी अॉफ टेक्नोलॉजी) में आउटसोर्स से 72 कर्मचारियों को नियुक्त करने के मामले की जांच का निर्देश विवि के कुलपति और रजिस्ट्रार को दिया है. राजभवन के मौखिक निर्देश के बाद विवि स्तर पर इसकी जांच शुरू की जा रही है. कर्मचारियों की नियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर एनएसयूआइ के इंद्रजीत सिंह ने विवि सहित राजभवन व मुख्यमंत्री सचिवालय को लिखित ज्ञापन सौंपा था.
राजभवन के निर्देश के बाद विवि प्रशासन ने पहले एनएसयूआइ द्वारा नियुक्ति में गड़बड़ी के लगाये गये आरोप की सत्यता की जांच करने का निर्णय लिया है. विवि प्रशासन का मानना है कि गड़बड़ी का आरोप एक सादे कागज में लिख कर दिया गया है, जबकि ऐसे गंभीर आरोप को शपथ पत्र के माध्यम से देना जरूरी है.
विवि में संबंधित नियुक्तियां पूर्व वीसी व अधिकारियों के कार्यकाल में की गयी हैं. कुल 72 में छह यूडीसी, चार टेक्निकल असिस्टेंट, चार एलडीसी, दो स्टोर कीपर, एक डीबीए, एक प्रोग्रामर, दो सॉफ्टवेयर असिस्टेंट, सात डीइओ, पांच लेबोरेटरी अटेंडेंट, एक सुपरवाइजर, स्टाफ नर्स, तीन एमटीएस, 13 आदेशपाल, दो कुक, दो ड्राइवर, एक लाइब्रेरी अटेंडेंट, एक एमआइएस, 14 सफाई कर्मी, तीन इलेक्ट्रिशियन के पद शामिल हैं.
राजभवन की ओर से जांच का निर्देश दिया गया है. इसे लेकर कुलपति के साथ विमर्श किया जा रहा है, ताकि आरोप की सत्यता की जांच हो. इसके बाद जांच के क्रम में जो तथ्य सामने आयेंगे, इसकी जानकारी राजभवन को को भी दी जायेगी.
डॉ अमर कुमार चौधरी
रजिस्ट्रार जेयूटी
Posted By: Sameer Oraon