बिजली-पानी की समस्या से हर दिन होना पड़ रहा दो-चार
राजधानी और आस-पास के इलाके में लगातार तीसरे दिन बिजली की आंख मिचौनी जारी रही. इसका असर सोमवार (23 मई) को भी पेयजलापूर्ति पर भी पड़ा. टाउन लाइन में लगातार तीसरे दिन पानी की आपूर्ति नहीं हो पायी. इस वजह से कोकर, कांटाटोली, दीपाटोली समेत अन्य इलाकों में रहनेवाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि रातू रोड व जिला स्कूल समेत अन्य इलाकों में सामान्य जलापूर्ति हुई. बिजली गुल रहने की वजह से रविवार को शहर की 10 लाख आबादी को पानी नहीं मिल पाया था. बूटी के कार्यपालक अभियंता राधेश्याम रवि ने बताया कि बूटी व रुक्का में कई बार बिजली कटी. इसकी वजह से टंकी में पानी की पंपिंग नहीं हो पायी. सुबह व दोपहर में रातू रोड व जिला स्कूल समेत अन्य इलाकों में जलापूर्ति की वजह से पानी की टंकी खाली हो गया. साथ ही लिकेज की मरम्मत में भी समय लगा. उन्होंने कहा कि पानी टंकी के भरने के बाद सोमवार देर रात तक हर हाल में टाउन लाइन में पानी की आपूर्ति बहाल करने का प्रयास किया जायेगा.
बिजली की अघोषित कटौती कर रही परेशान
लगातार हो रही बिजली कटौती से जहां गांव के लोग परेशान हैं, तो वहीं अब शहरों में भी समस्या गहराने लगी है. यहां भी बिजली की अघोषित कटौती सबको परेशान कर रही है़ ट्रिपिंग की शिकायतें बढ़ गयी हैं. इन्वर्टर भी जवाब देने लगे हैं. स्थानीय निवासी कुंदन कुमार ने बताया कि कटौती का कोई समय नहीं है. रात में किसी भी समय बत्ती गुल हो जा रही है़ इन्वर्टर की चार्जिंग खत्म होने पर आंख खुलती है, तब पता चलता है कि बिजली नहीं है. एक अन्य स्थानीय निवासी जगदीश प्रसाद बताते हैं कि हमारे क्षेत्र में बिजली की स्थिति ठीक नहीं है. कोई शिकायत भी सुनने वाला नहीं है. गृहिणी पूजा तिवारी ने कहा कि जरा भी मौसम का मिजाज बिगड़ा कि बिजली काट दी जा रही है़ इस कारण अक्सर रात में अंधेरे में ही खाना बनाना पड़ता है.
दो दिनों तक बिजली और पानी संकट से जूझते रहे होटवारवासी
तेज हवा और बारिश परेशानी का सबब बन जा रही है. एक तरफ लोग गर्मी से बेहाल हैं, तो दूसरी तरफ आंधी और बारिश से बिजली-पानी की सप्लाई बाधित हो जा रही है. होटवार इलाके के न्यू खटंगा के लोग दो दिनों तक अंधेरे में रहने को विवश रहे. शनिवार को जला ट्रांसफॉर्मर सोमवार को बन पाया. इस दौरान वैकल्पिक ट्रांसफाॅर्मर लगाकर विद्युत आपूर्ति बहाल करने की कोशिशें शुरू हुईं, लेकिन वह भी किसी काम की नहीं रही. रांची ईस्ट डिविजन के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि इस इलाके में 25 केवीए का पुराना ट्रांसफॉर्मर लगा था, जो पहले से ही ओवरलोडेड था. अब यहां 100 केवीए क्षमता का ट्रांसफॉर्मर लगाने की कोशिश हो रही है.
बिजली कटौती से रहे परेशान दीपाटोली-खेलगांव के लोग
दीपाटोली और खेलगांव जैसे इलाकों में भी लोग पिछले दिनों बिजली कटौती से परेशान रहे. बिजली जब गुल हुई, तो पानी की सप्लाई व्यवस्था भी ठप हो गयी. इस कारण यहां का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. दीपाटोली इलाके में ज्यादातर घरों में पानी की सप्लाई होती है. बिजली नहीं रहने से मोटर नहीं चलते हैं, जिस कारण पानी की सप्लाई नहीं होती है. जो लोग बोरिंग पर निर्भर हैं, वह भी परेशानियों से दो-चार करते हैं. यही स्थिति खेलगांव के पास स्थित गाड़ी होटवार की भी है.
जानिए क्या है काल बैसाखी
काल बैसाखी से मुख्यत: झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, असम सहित पूर्वोत्तर भारत के राज्य प्रभावित होते हैं. इसमें मौसम बिगड़ने पर हवाओं की रफ्तार खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है़. जान-माल को नुकसान पहुंचता है़. अप्रैल-मई में काल बैसाखी सक्रिय रहता है़. इसमें गर्मी बढ़ जाने पर स्थानीय हवाएं गर्म और शुष्क होती हैं और निम्न दाब बनाती हैं. इस वजह से बंगाल की खाड़ी की ओर से आर्द्र हवाएं आती हैं. इन दोनों के मिलने से मूसलाधार बारिश की संभावना बनती है.