Ranchi news : मुश्किलों में कल्पना ने झामुमो को संभाला, चुनाव में दिखाया कमाल

झामुमो की सबसे स्टार कैंपेनर बन कर उभरीं, क्राउड पुलर लीडर बनीं. विधानसभा चुनाव में महिलाओं को विशेष रूप से फोकस किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 27, 2024 11:12 PM
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रांची. वर्तमान विधानसभा चुनाव झामुमो के लिए सिर्फ सत्ता की सौगात लेकर ही नहीं आया, बल्कि पार्टी को कल्पना सोरेन जैसा नया नेतृत्व भी दिया. कल्पना ने चुनाव में अपना दम भी दिखाया. वर्ष 2024 झामुमो के लिए परेशानी लेकर आया था. साल के शुरुआत में ही 31 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इडी द्वारा एक मामले में गिरफ्तार कर लिये गये थे. वह रात झामुमो के लिए भारी थी. सुबह नयी चुनौती लेकर आयी थी. झामुमो को नया नेतृत्व चुनना था, पार्टी को बिखरने से बचाना था. ऐसे में कल्पना घर की चौखट से बाहर निकलीं. पहली बार नेता नगरी में कदम रखीं. मुश्किल के इस दौर में कल्पना ने झामुमो को संभाला. उस दौर में सरकार को पटरी पर रखना आसान नहीं था. झामुमो को नया नेतृत्व मिला था. कल्पना ने सरकार से दूर, संगठन पर फोकस किया. देखते ही देखते लोकसभा का चुनाव आ गया और हेमंत सोरेन जेल में थे. कल्पना सोरेन लोकसभा में झामुमो की कैंपेन मास्टर बनीं. इंडिया गठबंधन का एक तरह से झारखंड में नेतृत्व किया. इंडिया गठबंधन लोकसभा की सभी पांच सुरक्षित सीटें जीत गया. कल्पना सोरेन के लिए राजनीति में यह पहला लिटमस टेस्ट था. इधर, कल्पना सोरेन को लेकर एक नया जनमानस झारखंड में तैयार हो गया. कल्पना का राजनीतिक इकबाल लोकसभा चुनाव में ही बन गया था. इधर, 28 जून को 149 दिन जेल में रहने के बाद हेमंत सोरेन बाहर निकले थे. झामुमो ने भी यह भांप लिया कि विधानसभा चुनाव में कल्पना की भूमिका को आगे बढ़ाना होगा. विधानसभा चुनाव में झामुमो को इसका माइलेज भी मिला. वह इंडिया गठबंधन की स्टार कैंपेनर के तौर पर उभरीं. सहयोगी दल कांग्रेस और राजद के लिए कल्पना की सभाएं कराना मजबूरी बन गयी. कल्पना क्राउड पुलर (भीड़ खींचने वाला) नेता बन गयीं. कल्पना की सभाओं में हजारों की भीड़ उमड़ने लगी. कल्पना सोरेन खुद गांडेय से चुनाव लड़ रही थीं, बावजूद इसके लगभग 100 सभाएं की. पार्टी और गठबंधन के लिए उन्होंने खुद को झोंक दिया. वह भीड़ से संवाद करती थीं. भीड़ में कल्पना सोरेन को लेकर गजब का आकर्षण और विश्वास था. वह हेमंत सोरेन सरकार के काम गिनाती थीं. उन्होंने मंईयां सम्मान योजना को अपने भाषण की धार बना ली. महिलाओं को विशेष रूप से फोकस किया. झामुमो सरकार के लिए किसी तरह की एंटी इनकैंबेसी को फैक्टर बनने नहीं दिया. अपने विरोधियों पर कल्पना ने शालीन और मर्यादा में रखकर कटाक्ष किये. कल्पना का भीड़ से संवाद आहिस्ता-आहिस्ता वोट बैंक में तब्दील होता गया. झामुमो के लिए एक नये वोट बैंक का प्लॉट तैयार हो रहा था. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने हर कदम पर नयी सरकार के लिए रास्ते तैयार किये. हेमंत सोरेन की सरकार बनाने की कल्पना भी साकार हो गयी.

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