जमीन मामले में कांके CO-CI के पैसे का लेन देन का हिसाब मिला, ED ने जब्त किया मोबाइल

ईडी को कांके में फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जांच के दौरान कमलेश के कारनामों की सूचना मिली थी. जिसके बाद जांच एजेंसी ने ये कार्रवाई की.

By Sameer Oraon | July 11, 2024 9:18 AM

रांची : प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की टीम बुधवार सुबह कांके प्रखंड के चामा गांव पहुंची और यहां जमीन कारोबारी कमलेश सिंह द्वारा कब्जा की गयी जमीन मामले की जांच की. साथ ही यहां चल रहे निर्माण कार्य को बंद करा दिया. ईडी की टीम कांके अंचल कार्यालय भी पहुंची और दस्तावेजों की जांच की और भारी मात्रा में दस्तावेज भी जब्त किये. कांके के अंचलाधिकारी (सीओ) जयकुमार राम और अंचल निरीक्षक (सीआइ) चितरंजन टुडू के मोबाइल की जांच के दौरान ज़मीन के मामलों में पैसों के लेन-देन का हिसाब मिला. इसके बाद ईडी ने सीओ और सीआई के मोबाइल ज़ब्त कर लिये. ईडी ने यह कार्रवाई फर्जी दस्तावेज के सहारे कमलेश द्वारा जमीन की खरीद-बिक्री के मामले की जांच के दौरान ग्रामीणों द्वारा की गयी शिकायतों के आधार पर की है.

ग्रामीणों ने ईडी से की थी जमीन पर कब्जे की शिकायत

ईडी को फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जांच के दौरान कमलेश के कारनामों की सूचना मिली थी. प्रारंभिक जांच में इन सूचनाओं के सही पाये जाने के बाद ईडी ने कमलेश से पूछताछ करने के लिए समन जारी किया था. कई बार समन जारी करने के बावजूद वह पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुआ. इस पर ईडी ने 21 जून को कमलेश के किराये के फ्लैट पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान 100 गोलियां व एक करोड़ रुपये जब्त किये गये थे. ईडी के अनुरोध पर कांके थाना में कमलेश के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

ईडी की इस कार्रवाई के बाद 50 से अधिक लोगों ने कमलेश के खिलाफ अपनी जमीन कब्जा करने की शिकायत की. जमीन के दस्तावेज भी ईडी को दिये. ग्रामीणों की लिखित शिकायत के आलोक में इडी के अधिकारियों का दल बुधवार सुबह चामा पहुंचा. इनके वहां पहुंचते ही ग्रामीण जुट गये. लोगों ने अपनी जमीन कब्जा करने को लेकर टीम के समक्ष बयान दर्ज कराया.

ग्राम प्रधान ने ईडी के अधिकारियों को जमीन से जुड़े दस्तावेज सौंपे

ग्राम प्रधान ने ईडी को एक दस्तावेज सौंपा, जिसमें लोकसभा चुनाव 2024 के बहिष्कार का फैसला किया गया था. ग्रामीणों की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि कमलेश ग्रामीणों की जमीन पर कब्ज़ा कर रहा है. शिकायत करने पर किसी भी स्तर से उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. विरोध स्वरूप चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया गया. इस प्रस्ताव पर 50 से अधिक ग्रामीणों के दस्तख़त हैं. ईडी ने ग्रामीणों का बयान दर्ज करने के बाद पीएमएलए की धारा 16 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अंचल कार्यालय में सर्वे किया. इस दौरान जमीन से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये. ईडी ने अंचल कार्यालय में रखी उस फाइल को भी जब्त कर लिया, जिसमें ग्रामीणों के शिकायती पत्रों को रखा गया था. ईडी ने सीओ से इन शिकायती पत्रों के आलोक में की गयी कार्रवाई की लिखित रिपोर्ट मांगी है. सर्वे के दौरान सीओ और सीआइ के मोबाइल की जांच की गयी. इसमें जमीन से जुड़े विभिन्न प्रकार के काम के सिलसिले में किये गये पैसों के लेन देन का ब्योरा दर्ज है.

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