कांची नदी पर स्थित पुल को बनवाने वाले इंजीनियरों पर होगी कार्रवाई, 13 करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण

ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने इस मामले में दोषियों को चिह्नित कर जल्द उनके नाम भेजने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने यहां पदस्थापित इंजीनियर और निर्माण कार्य सुपरविजन के नाम भेजने का निर्देश दिया है

By Prabhat Khabar News Desk | December 23, 2022 9:49 AM

Jharkhand News: निर्माण की घटिया गुणवत्ता के कारण कांची नदी पर बना हराडीह-बूढ़ाडीह पुल धंस गया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी कमेटी ने घटना के करीब डेढ़ साल बाद अपनी जांच रिपोर्ट ग्रामीण कार्य विभाग को सौंप दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उक्त पुल के निर्माण के दौरान इसमें इस्टीमेट के मुताबिक मेटेरियल का इस्तेमाल नहीं किया गया था. यहां तक कि लोहा और कंक्रीट का उपयोग भी कम हुआ था. वहीं, इंजीनियरों ने ठीक ढंग से कार्य का सुपरविजन भी नहीं किया था. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि पुल धंसने के लिए इंजीनियर और ठेकेदार दोषी हैं.

इधर, ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने इस मामले में दोषियों को चिह्नित कर जल्द उनके नाम भेजने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने जांच कमेटी से कहा है कि पुल निर्माण के दौरान यहां पदस्थापित इंजीनियर और निर्माण कार्य का सुपरविजन करनेवाले पदाधिकारियों के नाम कार्रवाई की अनुशंसा के साथ भेजे जायें. सचिव ने पुल का निर्माण करनेवाले ठेकेदार पर भी कार्रवाई के लिए लिखा है.

यह है मामला :

करीब तीन साल पहले ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की ओर से ‘मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना’ के तहत 13 करोड़ रुपये की लागत से कांची नदी पर हराडीह-बूढ़ाडीह पुल का निर्माण कराया गया था. मई 2021 में यास तूफान आने पर कांची नदी में अचानक पानी बढ़ गया, जिससे हराडीह-बूढ़ाडीह पुल धंस गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के निर्देश दिये थे.

इसके बाद ही तत्कालीन ग्रामीण कार्य विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनायी थी. काफी लंबे समय तक इसकी जांच नहीं हुई थी. बरसात में पानी भर जाने के कारण जांच संभव नहीं हो सका था. दूसरी बरसात भी गुजर गयी थी. अब जाकर इसकी जांच फाइनल हुई है. पथ विभाग के अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में जेएसआरआरडीए और भवन विभाग के मुख्य अभियंता वाली कमेटी ने जांच में गड़बड़ी पकड़ी है.

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