ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात, आपस में जुड़ेंगे कांटाटोली और सिरमटोली फ्लाइओवर, जानें क्या है पूरी योजना

कांटाटोली की ओर से मेकन की ओर जाने वाले वाहन फ्लाइओवर के माध्यम से योगदा सत्संग के पास जुड़े सिरमटोली फ्लाइओवर के विंग से आगे निकल जायेंगे. इन्हें भी फ्लाई ओवर से नीचे उतरने की जरूरत नहीं होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 17, 2023 12:03 PM

मनोज लाल, रांची :

कांटाटोली फ्लाइओवर और सिरमटोली फ्लाइओवर आपस में जोड़े जायेंगे. इसके लिए योजना बना ली गयी है. इस योजना को प्राधिकृत समिति ने स्वीकृति भी दे दी है. अब मंत्रिपरिषद की बैठक में योजना की स्वीकृति ली जायेगी. वहां से स्वीकृति होने के बाद इसके क्रियान्वयन की दिशा में कार्रवाई कर दी जायेगी. ऐसी होगी योजना: इस योजना के तहत मेकन की ओर से आने वाले फ्लाई ओवर का डाउन रैंप सरना स्थल के पास उतरेगा. यहीं से दो विंग बायीं और दायीं ओर बनाया जायेगा, जो आगे जाकर योगदा सत्संग के पास कांटाटोली फ्लाइओवर से जुड़ जायेगा.

मेकन की ओर से आने वाले वाहनों को अगर सिरमटोली के पास उतरना होगा, तो वे सरना स्थल पर डाउन रैंप से उतर जायेंगे, लेकिन जिन्हें सीधे कांटाटोली की ओर जाना होगा, वे वाहन सीधे विंग के माध्यम से ऊपर ही ऊपर आगे निकल जायेंगे और कांटाटोली फ्लाइओवर पकड़ लेंगे. इसी तरह कांटाटोली की ओर से मेकन की ओर जाने वाले वाहन फ्लाइओवर के माध्यम से योगदा सत्संग के पास जुड़े सिरमटोली फ्लाइओवर के विंग से आगे निकल जायेंगे. इन्हें भी फ्लाई ओवर से नीचे उतरने की जरूरत नहीं होगी. जिन वाहनों को क्लब रोड या स्टेशन की ओर जाना है, वे नीचे उतर कर चले जायेंगे.

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ट्रैफिक जाम से निजात के लिए बनी योजना :

इस योजना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहल की थी. उन्होंने स्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद पाया कि दोनों फ्लाइओवर के बन जाने के बाद भी सिरमटोली चौक जाम स्थल बना रहेगा. फ्लाइओवर बनने के बाद भी जाम से लोगों को निजात नहीं मिलेगी. इस वजह से उन्होंने पथ निर्माण विभाग को दोनों फ्लाइओवर को जोड़ने की योजना बनाने का निर्देश दिया था. इसके बाद ही यह योजना तैयार हुई है.

बिड़ला बोर्डिंग में तीनों पिलर बन कर तैयार

बिड़ला बोर्डिंग के पास तीनों पिलर बन कर तैयार हो गया है. यहां लगे बैरिकेडिंग भी हटा दिये गये हैं. ऐसे में यहां ट्रैफिक स्मूथ हो गया है. जानकारी के मुताबिक यहां पर तीन पिलर के निर्माण में ही करीब चार महीने का समय लगा है. इससे रातू रोड की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी थी. लोगों को काफी परेशानी भी हुई. अब जाकर इसका निर्माण हो गया है.

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