अन्न-धन व सुख-शांति के लिए श्रद्धालु आज करम राजा से मांगेंगे दुआ, जानें क्या है इसे मानने की परंपरा
आज पूरे देश में धूमधाम से करम पर्व मनाया जाता है. श्रद्धालु उपवास रख कर करम डाल की पूजा करेंगे. यह त्योहार मुख्यत: किशाेरियों का पर्व है.
karam puja 2021 jharkhand, Ranchi News रांची : आज करम उत्सव मनाया जायेगा. श्रद्धालु उपवास रख कर करम डाल की पूजा करेंगे. राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनस धर्म समन्वय समिति भारत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री देवकुमार धान के अनुसार यह त्योहार मुख्यत: किशाेरियों का पर्व है. पूजा के दिन गांव भर की कुंवारी युवतियां नयी डलियां (टोकरी) में पूजा की सामग्री जैसे खीरा, जवा फूल, मिट्टी के बने पात्र में जलता दीया और सिंदूर लेकर पूजा स्थल पर आती हैं.
करम डाली के चारों तरफ भक्ति भाव से बैठ जाती हैं. नैगस या पाहन इन कुंवारी लड़कियों के लिए करम राजा से उनके उज्ज्वल भविष्य का वरदान मांगते हैं. श्रद्धालु करम राजा से प्रार्थना करते हैं कि भरपूर अन्न धन हो, लोगों में सुख- शांति रहे.
जनजातीय कल्याण शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित तत्कालीन निदेशक डॉ प्रकाश चंद्र उरांव की पुस्तक ‘उरांव’ के अनुसार करम मनाने का नियम पूरे छोटानागपुर में रहा है और इसलिए इसे राजी करम कहा जाता है. काल क्रम में कई गांवों में इसकी तिथि में बदलाव आया.
जब किसी गांव में ठीक इसी अवसर पर किसी का निधन हो गया, तो इस अवसर का पर्व नहीं फला, ऐसा विश्वास कर दूसरे अवसर पर इसे मनाने की प्रथा चली. इस तरह पूरे छोटानागपुर मेंं सात अवसरों पर अलग-अलग नाम से करम मनाया जाता है, लेकिन इसे मनाने का विधि-विधान एक ही है. सातों करम के नाम हैं : राजी करम, ईंद करम, कडरू करम, जितिया करम, दसई करम, अधुवारी करम और सोहराई (कार्तिक) करम.
Posted by : Sameer Oraon