भाजपा स्टार प्रचारकों में नरेंद्र मोदी, अमित शाह के साथ कड़िया मुंडा भी शामिल

झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी गयी है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत प्रदेश भाजपा के नेताओं को शामिल किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2024 12:54 AM

रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी गयी है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत प्रदेश भाजपा के नेताओं को शामिल किया गया. स्टार प्रचारकों में नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, बाबूलाल मरांडी, कर्मवीर सिंह, नरेंद्रनाथ त्रिपाठी, कड़िया मुंडा, अमर बाउरी, अन्नपूर्णा देवी, योगी आदित्यनाथ, डॉ मोहन यादव, विष्णु देव साय, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, शिवराज सिंह चौहान, रवि शंकर प्रसाद, दीपक प्रकाश, समीर उरांव, आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, रवींद्र कुमार राय, दिनेशानंद गोस्वामी, बालमुकुंद सहाय, सीता सोरेन, गीता कोड़ा, अनंत ओझा, रामचंद्र चंद्रवंशी, सीपी सिंह, मनोज सिंह, लुईस मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, भानु प्रताप शाही, रणधीर सिंह व घूरन राम को शामिल किया गया है.

आज साहिबगंज व दुमका में रहेंगे बाबूलाल

रांची. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी 25 अप्रैल को साहिबगंज जायेंगे. वहां राजमहल लोकसभा कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. श्री मरांडी दुमका लोकसभा के सारठ विधानसभा स्थित ताराबाद स्कूल मैदान में जनसभा को भी संबोधित करेंगे. श्री मरांडी के साथ संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह व प्रदेश महामंत्री सह राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा मौजूद रहेंगे.

इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस के साथ सत्ता भोग रहे झामुमो को याद आयी तानाशाही : भाजपा

रांची. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झामुमो के केंद्रीय महासचिव के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि देश में इमरजेंसी के जरिये तानाशाही लागू करने वाली कांग्रेस के साथ सत्ता भोग रहे झामुमो को आज वर्तमान सरकार में तानाशाही दिख रही है. कहा कि इमरजेंसी देश का सबसे काला अध्याय था, जब सभी संवैधानिक अधिकारों को सस्पेंड कर दिया गया था. लोगों को मीसा कानून के तहत बिना बेल के जेल में वर्षों तक रखा गया था. इसी काले कानून की याद में लालू प्रसाद ने अपनी बेटी का नाम मीसा रखा था. आज वह भी इस इंडिया गठबंधन में हैं. श्री शाहदेव ने कहा कि यह इमरजेंसी का ही दौर था, जब राज्य और न्यायालयों की शक्तियों को संविधान में संशोधन करके छीनने का प्रयास किया गया था. इसी इमरजेंसी के दौर में सर्वोच्च न्यायालय के तीन वरीय न्यायाधीशों को सुपर सीड करके चौथे को मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया था. कहा कि झामुमो इमरजेंसी के नसबंदी के भी दौर को कैसे भूल सकती है, जब कांग्रेस ने तानाशाही का क्रूर चेहरा दिखाया था. उन्होंने कहा कि सूरत से भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध क्या निर्वाचित हो गये, विपक्ष ने भूचाल खड़ा कर दिया और चुनाव आयोग पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया. इन्हें बताना चाहिए कि उस समय इन दलों के नैतिकता कहां गयी थी, जब 2012 में डिंपल यादव कन्नौज से निर्विरोध चुनी गयी थी. उनके खिलाफ खड़े दो प्रत्याशियों ने अंतिम दिन नामांकन वापस ले लिया था. इसके अतिरिक्त देश में 44 बार लोकसभा में प्रत्याशी निर्विरोध चुने गये हैं.

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