Jharkhand News (जमशेदपुर) : कारगिल युद्ध में अपनी बहादुरी दिखा चुके 15 महार चार्ली में तैनात हवलदार मनोहर कुंकल (45 वर्ष) का अमरनाथ गुफा के पास दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. गुरुवार की देर शाम उनका पार्थिव शरीर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचा. पार्थिव शरीर के यहां पहुंचते ही राष्ट्रीय युवा शक्ति के द्वारा शहीद मनोहर कुंकल को श्रद्धासुमन अर्पित की गयी. बता दें कि 2 दिन बाद छुट्टी पर घर आने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उनका निधन हो गया.
इनके पिता विश्वनाथ कुंकल और माता सुनिका कुंकल का पहले ही निधन हो चुका है. हवलदार मनोहर कुंकल फरवरी, 2022 में रिटायर्ड होने वाले थे. वो अपने पीछे पत्नी शोभा कुंकल, पुत्र मोहित कुंकल और पुत्री माही कुंकल को छोड़ गये हैं. मोहित 11वीं और माही 7वीं क्लास में बिष्टुपुर स्थित बेल्डीह चर्च स्कूल में पढ़ती है.
परिवार के लोगों ने बताया कि वर्ष 1992 में सेना में योगदान दिया था. उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी. वो 15 महार चार्ली कंपनी में पदस्थापित थे. मार्च में 15 महार चार्ली कंपनी को कश्मीर स्थित श्री अमरनाथ गुफा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. मंगलवार की देर शाम जब वो पेट्रोलिंग कर लौट रहे थे, तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. जब तक उन्हें डॉक्टर के पास लाया जाता, उससे पहले ही उनका निधन हो गया था. डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया. वर्ष 1999 में उनकी कंपनी ने पाकिस्तान की घुसपैठियों के खिलाफ जमकर मोर्चा लिया था. कारगिल युद्ध में हवलदार मनोहर कुंकल अपनी कंपनी के साथ द्रास में तैनात थे.
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हवलदार मनोहर कुंकल का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम को रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पहुंचेगा. पार्थिव शरीर को रांची मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा जायेगा. शुक्रवार सुबह 8 बजे उन्हें सैनिकों द्वारा सम्मान दिया जायेगा. इसके बाद 11 बजे पार्थिव शरीर जमशेदपुर ले जाया जायेगा. बिष्टुपुर स्थित को-ऑपरेटिव कॉलेज मैदान के पास पार्थिव शरीर को रखा जायेगा. वहां परिवार सहित रिश्तेदार और शहरवासी उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.
इस दौरान बिष्टुपुर थाना से NOC भी लिया जाना है. इसके बाद सोनारी आर्मी कैंप से सैन्य बल उनके साथ चाईबासा से होते हुए मंझारी तक जायेंगे, जहां उन्हें सम्मन के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी. पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सुशील सिंह और दिनेश ने बताया कि सोनारी आर्मी कैंप के सीओ शहर के बाहर हैं. उन्हें जानकारी दी गयी है, जिसके बाद सारी व्यवस्था का निर्देश उन्होंने कंपनी अधिकारी को दिया.
बिष्टुपुर बेल्डीह बस्ती की शोभा कुंकल बाजार गयी हुई थी. वापस लौटते वक्त वह अपनी सहेली से मिलने 8 नंबर बेल्डीह बंगलो चली गयी थी. इसी दौरान उसके मोबाइल फोन पर हवलदार मनोहर कुंकल के निधन की जानकारी मिली. जानकारी मिलते ही शोभा गश खाकर गिरी और बेहोश हो गयी. वहां मौजूद लोगों ने शोभा को उसके घर पहुंचाया. घर आते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया. पत्नी शोभा के साथ बेटा मोहित और बेटी माही का रो-रोकर बुरा हाल था.
Posted By : Samir Ranjan.