Karma Puja 2022: केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय 13 आरटीआई बिल्डिंग कचहरी परिसर में प्रकृति पर्व करमा को लेकर सोमवार को बैठक की गयी. इस दौरान करमा पूजा महोत्सव को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि करमा त्योहार आदिवासी संस्कृति का संगम है. करम त्योहार हर वर्ष शुक्ल पक्ष भादो एकादशी के दिन मनाया जाता है. करम डाल की पूजा कर आदिवासी पूरे प्रकृति का आभार प्रकट कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं. करम त्योहार को शांतिपूर्ण एवं धूमधाम से मनाने को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने दिशा-निर्देश जारी किया.
करम पर्व को धूमधाम से मनाने को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने दिशा-निर्देश जारी किया है.
इन दिशा निर्देशों का करें पालन
1. गांव-मौजा के लोग अखरा की साफ-सफाई कर लें. करम डाल काटते समय पूरे विधि-विधान का पालन करें.
2. अखरा में जूता-चप्पल पहनकर प्रवेश ना करें.
4. नशा का सेवन कर अखरा में प्रवेश न करें.
5. करम पूजा पहान पुजार के द्वारा परंपरा के अनुसार रगुंवा चरका मुर्गे की बलि देकर करें.
6. कथावाचक करम पूजा की पूरी कहानी सुनाएं .
7. महिलाएं लाल पाड़ साड़ी एवं पुरुष धोती, गंजी एवं पगड़ी में शामिल हों.
8. पूजा से पहले जावा फूल का प्रयोग ना करें.
9. अखरा में ढोल-मांदर के साथ नृत्य-संगीत हो.
10. आधुनिक डीजे गाना न बजाएं.
बैठक में ये थे मौजूद
मौक पर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा, केंद्रीय समिति के महासचिव संजय तिर्की, विनय उमरां, विमल कच्छप, बाना मुंडा, पंचम तिर्की, संजय तिर्की, महिला शाखा की अध्यक्ष नीरा टोप्पो, भुवनेश्वर लोहरा एवं अन्य शामिल थे.
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Posted By : Guru Swarup Mishra