झारखंड के कस्तूरबा स्कूलों में टेंडर पाने के लिए अनोखी शर्त, सप्लायरों से मांगा गया ISO सर्टिफिकेट
जिला शिक्षा परियोजना टेंडर के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके तहत जिला स्तर से टेंडर का निबटारा विद्यालयवार होगा. एक ही निविदादाता को विद्यालय के सभी पैकेजों के सप्लाई का ऑर्डर नहीं दिया जायेगा.
झारखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दाल- चावल, पोशाक, कागज-कलम आदि की खरीद के टेंडर में हिस्सा लेने के लिए अनोखी शर्तें लगायी गयी है. किसी ने सप्लायर से आइएसओ, एफडीए, सीइ सर्टिफिकेट या भारत सरकार द्वारा मान्य सर्टिफिकेट की मांग की है. किसी ने सामग्री की खरीद के लिए ब्रांड के नाम का उल्लेख किया है. किसी ने टेंडर में शामिल होने के लिए 20 लाख रुपये टैक्स देनेवाला होने की शर्त लगा दी है, जबकि प्रति स्कूल औसतन कुल एक करोड़ मूल्य की सामग्री की ही खरीद की जाती है.
इतनी राशि के सामान की आपूर्ति करनेवाला 20 लाख का टैक्स पेयर नहीं हो सकता. टेंडर के टेक्निकल बिड में ही संबंधित दस्तावेज देना जरूरी है. दस्तावेज नहीं देनेवाला टेक्निकल बिड में ही अयोग्य घोषित हो जायेगा.
जिला शिक्षा परियोजना टेंडर के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके तहत जिला स्तर से टेंडर का निबटारा विद्यालयवार होगा. एक ही निविदादाता को विद्यालय के सभी पैकेजों के सप्लाई का ऑर्डर नहीं दिया जायेगा. जो स्कूल जिस प्रखंड में हो, उस प्रखंड के संस्थान को टेंडर में शामिल होने को कहा जायेगा. अगर किसी प्रखंड का निविदादाता अपने प्रखंड के स्कूल में आपूर्ति के लिए सफल नहीं होता है, तभी नजदीकी प्रखंड के निविदादाता को दूसरे प्रखंड में सप्लाई का ऑर्डर दिया जायेगा.
इस दिशा निर्देश के बाद कुछ जिलों नें सामग्री की खरीद के लिए टेंडर भी प्रकाशित किया है. खरीद के लिए कुल चार पैकेज बनाये गये हैं. पैकेज नंबर-एक में खाद्य पदार्थ, पैकेज नंबर- दो में सब्जी, मछली, दूध, पनीर आदि शामिल है. पैकेज नंबर-तीन में पोशाक और पैकेज नंबर-चार में स्टेशनरी को शामिल किया गया है. इनकी खरीद के लिए जिलों से टेंडर निकलना शुरू हो गया है.
चतरा जिले ने पैकेज नंबर एक से चार तक में शामिल होने के लिए कुछ अनोखी शर्त लगायी है. इसके तहत दाल, चावल, सब्जी, कपड़ा, कागज, कलम आदि सप्लाई करनेवालों के पास आइएसओ (इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर सर्टिफिकेशन) सर्टिफिकेट, एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ) सर्टिफिकेट या सीइ सर्टिफिकेट होना चाहिए. यहां यह बात उल्लेखनीय है कि सीइ सर्टिफिकेट किसी उत्पाद को बनानेवाली कंपनी द्वारा संबंधित उत्पाद के मूल्यांकन के बाद मिलता है.
चतरा में टेंडर में शामिल होने के लिए पिछले तीन असेसमेंट वर्षों के दौरान उसे 20 लाख रुपये का ‘टैक्स पेयर’ होने की शर्त लगायी गयी है. गिरिडीह जिले से प्रकाशित टेंडर में तो इस बात का शपथ पत्र भी देने की शर्त लगायी गयी है कि सप्लाई ऑर्डर रद्द करने पर सप्लायर भविष्य में कोई दावा नहीं करेगा. रामगढ़ ने सामग्री की खरीद के लिए निकाले गये टेंडर में ब्रांड का उल्लेख किया है.
राजगढ़ जिले ने चावल के लिए ‘बाबा’, मसूर दाल के लिए ‘बनारसी बाबू’, सरसों तेल ‘सलोनी’ और सत्तू के लिए ‘जालान’ ब्रांड का उल्लेख किया है. टेंडर में ब्रांड का नाम उल्लेख करने से संबंधित जिले के कस्तूरबा बालिका विद्यालय में दूसरे ब्रांड के चावल, दाल, तेल आदि की खरीद नहीं की जा सकेगी. नियमानुसार सामग्री की खरीद में ब्रांड का उल्लेख नहीं किया जाता है.