केडीएच कोयला खदान आज से बंद

खनन के लिए नहीं बची है जमीन

By Prabhat Khabar News Desk | April 9, 2024 8:19 PM

डकरा

विश्व बैंक संपोषित केडीएच परियोजना में एनके एरिया की सबसे बड़ी कोयला खदान में खनन का काम बुधवार के बाद बंद हो जायेगा. खनन कार्य के लिए अब यहां जमीन नहीं बची है. जिस जगह से कोयला निकालने का काम चल रहा है, वह स्थान अब खतरनाक हो गया है. आगे काम करना जान-माल को दावं पर लगाने जैसी स्थिति है. जानकारी के अनुसार केडीएच कोयला खदान 1973 में शुरू हुई थी. इसके बाद पहली बार जमीन के अभाव में कोयला खदान बंद होने जा रही है. खदान बंद होने से 641 मैनपॉवर के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार में शामिल लगभग 2000 लोगों के बीच बेरोजगारी आ जायेगी. खदान बंद होने की जानकारी मिलने पर लोगों में रोष है और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

मैनपॉवर व मशीनों को दूसरी परियाेजना में किया जायेगा शिफ्ट : परियाेजना पदाधिकारी

केडीएच परियोजना पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि परियोजना में कुल 641 मैनपॉवर हैं. खदान बंद होने से कर्मियों के साथ-साथ मशीनों को भी दूसरी परियोजना में शिफ्ट किया जा रहा है. कहा कि मामले को लेकर परियोजना सलाहकार समिति से भी अनौपचारिक बातचीत हुई है. एनके एरिया सलाहकार समिति सदस्यों के साथ महाप्रबंधक सुजीत कुमार बैठक कर उसे मूर्त रूप देंगे. डकरा परियोजना में जो मशीनें जा रही हैं, उसके साथ काम करनेवाले कर्मी भी जायेंगे. रोहिणी परियोजना बंद होने के बाद जो वहां से केडीएच भेजे गये थे, उन कर्मियों को वापस रोहिणी भेजा जायेगा. यहां ठेका के तहत होनेवाले काम को बंद करने का निर्णय लिया गया है.

जामुनदोहर बस्ती पर टिकी है निगाहें

जामुनदोहर बस्ती खाली होने पर उक्त क्षेत्र से तुरंत कोयला निकाला जा सकता है. इस जमीन के भीतर कोयले का दो अतिरिक्त सिम भी मिला है. जिसकी गुणवत्ता भी बेहतर होने का अनुमान लगाया जा रहा है. बस्ती खाली कराने के मामले को लेकर मंगलवार को प्रभात खबर में छपी खबर के बाद मंगलवार को 20 लोगों ने लिखित रूप में मकान खाली करने की इच्छा जतायी है. जिस पर काम भी शुरू हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि अगले 15-20 दिनों में जामुनदोहर बस्ती खाली हो जायेगा.

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