रांची : प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाने के लिए चल रही ट्रेनों में से अब तक सिर्फ केरल ने ही मजदूरों से किराया वसूला है. इसके लिए केरल सरकार ने झारखंड सरकार से बात तक नहीं की. झारखंड सरकार उन सभी राज्यों को किराये का भुगतान कर रही है, जिन्होंने किराये की मांग की है. आंध्र प्रदेश सरकार ने भी पैसे नहीं मांगे हैं. राजस्थान सरकार ने कोटा से छात्रों को झारखंड पहुंचाने के एवज में राज्य सरकार से 16 लाख रुपये लिये. ओड़िशा, बिहार, छत्तीसगढ़ से मजदूरों को लाने के लिए आठ मई तक बस सेवा जारी रहेगी. उत्तर प्रदेश और बंगाल से मजदूरों को लाने के लिए बसें नहीं चल रही हैं.
संबंधित सरकारों से इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने सरकार से पैसे नहीं मांगेआंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने मजदूरों को वापस भेजने के लिए झारखंड सरकार से पैसे नहीं मांगे. दोनों राज्यों ने मजदूरों को रख कर खिलाने के बदले उन्हें वापस भेजना बेहतर समझा. इन राज्यों से झारखंड तक ट्रेन चलाने का खर्च करीब 4.5 लाख रुपये है. तेलंगाना ने तो एक ही दिन में पांच ट्रेनें भेजने की पेशकश की थी.
पंजाब सरकार ने आपदा राहत कोष से मजदूरों के किराये के भुगतान का आदेश दिया है. नियमत: ट्रेन को चलाने से पहले किराये का भुगतान करना पड़ता है. पैसों के लिए रेलवे से राज्य सरकार को टिकट उपलब्ध करा दिया जाता है. इसके बाद संबंधित राज्य को जहां के मजदूर हैं, उस राज्य से पैसों की मांग करती है या मजदूरों से पैसे लेकर रेलवे को भुगतान कर देती है.