हेमंत सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को गिनाने निकलेगी ‘खतियानी जोहार यात्रा’, लोगों से ली जाएगी राय

29 दिसंबर को हेमंत सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. इसी के उपलक्ष्य पर राज्य की जनता को राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाने 'खतियानी जोहार यात्रा' निकाली जा रही है. आगामी आठ दिसंबर से इस यात्रा के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ लोगों की राय भी ली जाएगी.

By Samir Ranjan | December 3, 2022 6:38 AM
an image

Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सरकार आगामी 29 दिसंबर, 2022 को तीन साल पूरा कर रही है. ‘खतियानी जोहार यात्रा’ के माध्यम से राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए झारखंड के यूपीए गठबंधन रैलियां निकालेगा. इसको लेकर विस्तृत योजना तैयार की जा रही है और इसकी जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी.

तीन साल की उपलब्धियों को गिनाने पूरे राज्य में निकलेगी रैलियां

बता दें कि झारखंड में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (United Progressive Alliance-UPA) के सहयोगी दलों- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने राज्य सरकार की पिछले तीन साल की उपलब्धियों को गिनाने और अपने कामकाज को लेकर लोगों की राय जानने के लिए पूरे प्रदेश में रैलियां निकालने का फैसला किया है.

सरकार के कामकाज संबंधी लोगों से ली जाएगी प्रतिक्रिया

इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि यूपीए के सहयोगी दलों द्वारा राज्य के हर जिले में संयुक्त रूप से रैलियां निकाली जाएंगी. इन रैलियों में मुख्यमंत्री सोरेन सहित अन्य शीर्ष नेता शामिल होंगे. कहा कि इन रैलियों में चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप राज्य के लोगों के कल्याण के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं पर रोशनी डाली जाएगी. वहीं, सरकार के कामकाज पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए एक सर्वेक्षण भी किया जाएगा. कार्यक्रम के तहत लोगों की मांगों को भी सूचीबद्ध किया जाएगा. 

Also Read: Jharkhand Holiday News: झारखंड के सरकारी बाबुओं को कितनी मिलेगी छुट्टी, जानें 2023 का कलेंडर

आठ दिसंबर से पूरे राज्य में शुरू होगी रैली

वहीं, झामुमो प्रवक्ता विनोद पांडे ने बताया कि सीएम श्री सोरेन की अध्यक्षता में यूपीए की हुई बैठक में अागामी आठ दिसंबर से राज्यभर में रैलियां निकालने का निर्णय लिया गया. इन रैलियों को ‘खतियानी जोहार यात्रा’ के माध्यम से सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को बताया जाएगा. इसके तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, किसानों के लिए ऋण माफी योजना और फसल राहत योजना जैसी उपलब्धियों के अलावा 1932 के भूमि रिकॉर्ड (खतियान) पर आधारित सरकार की नयी अधिवास नीति के निर्माण के बारे में लोगों को बताया जाएगा.

Exit mobile version