Sharad Purnima 2020: रांची में 31 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर खाटू श्याम जी का गजरे से होगा भव्य शृंगार
Sharad Purnima 2020 Date & Timing: रांची : झारखंड की राजधानी रांची के हरमू रोड में शनिवार (31 अक्टूबर, 2020) को शरद पूर्णिमा का आयोजन किया जायेगा. खाटू श्याम जी के मंदिर में हर वर्ष बड़े धूमधाम से शरद पूर्णिमा का आयोजन होता था. इस बार वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए सादगी से आयोजन होगा. लेकिन, खाटू श्याम जी के शृंगार में कोई कमी नहीं होगी. इस वर्ष गजरे से उनका शृंगार किया जायेगा.
Sharad Purnima 2020 Date & Timing: रांची : झारखंड की राजधानी रांची के हरमू रोड में शनिवार (31 अक्टूबर, 2020) को शरद पूर्णिमा का आयोजन किया जायेगा. खाटू श्याम जी के मंदिर में हर वर्ष बड़े धूमधाम से शरद पूर्णिमा का आयोजन होता था. इस बार वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए सादगी से आयोजन होगा. लेकिन, खाटू श्याम जी के शृंगार में कोई कमी नहीं होगी. इस वर्ष गजरे से उनका शृंगार किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि शरद पूर्णिमा के दिन श्री श्याम प्रभु के मुख्य मंदिर श्री खाटूधाम राजस्थान में बड़े ही धूमधाम से आयोजित होता है. श्री खाटूधाम की परंपरा का अनुसरण करते हुए निज मंदिर खाटू श्याम जी रांची में भी उसी तरह से पूजा-अर्चना होती है. बताया गया है कि इस बार उदया तिथि के अनुसार, 31 अक्टूबर (शनिवार) को निज मंदिर खाटू श्याम जी में शरद पूर्णिमा का आयोजन होगा.
श्री श्याम प्रभु का श्वेत पुष्पों से निर्मित गजरे से शृंगार किया जायेगा. श्वेत पुष्प के गजरे से वर्ष में सिर्फ एक दिन शरद पूर्णिमा के अवसर पर खाटू श्याम का शृंगार होता है. मंदिर में विराजमान सभी विग्रहों का भी श्वेत रंग के फूलों से बने गजरे (माला) से ही शृंगार किया जायेगा. लखदातार श्याम बाबा, श्री हनुमान जी एवं शिव परिवार को श्वेत वस्त्र पहनाया जायेगा. सभी विग्रहों को श्वेत गहने भी पहनाये जायेंगे.
इस अवसर पर खाटू वाले बाबा को विशेष भोग अर्पित किया जायेगा. उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच भी भोग का वितरण किया जायेगा. आयोजकों ने बताया है कि शनिवार की रात 9 बजे दिव्य ज्योत एवं ताली संकीर्तन का भी आयोजन किया जायेगा. शरद पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष निज मंदिर खाटू श्याम जी में एक दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाता था.
बाबा श्याम जी को प्यारे-प्यारे भजनों से रिझाने के लिए भजन गायकों को बाहर से आमंत्रित किया जाता था. संपूर्ण मंदिर परिसर को दूधिया रोशनी से सजाया जाता था. इसकी विद्युत सज्जा की जाती है. इस वर्ष कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आयोजन सीमित होगा, लेकिन भव्यता में कोई कमी नहीं आयेगी. यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गयी है कि वे मास्क लगाकर आयें और मंदिर परिसर में दो गज की दूरी का पालन अवश्य करें.
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Posted By : Mithilesh Jha