‘खेलो झारखंड’ में भाग लेने वाले बच्चे दिन भर भूखे-प्यासे खेले, शाम में चंदा कर लौटे घर

‘खेलो झारखंड’ के तहत शुक्रवार को ओरमांझी के राज्य संपोषित उच्च विद्यालय के स्टेडियम में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी. प्रखंड के 38 स्कूलों के छठी से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल होने के लिए बुलाया गया था.

By Sameer Oraon | November 19, 2022 8:02 AM

‘खेलो झारखंड’ के तहत शुक्रवार को ओरमांझी के राज्य संपोषित उच्च विद्यालय के स्टेडियम में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी. प्रखंड के 38 स्कूलों के छठी से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल होने के लिए बुलाया गया था. लेकिन, अव्यवस्था ऐसी थी कि इन बच्चों को दिन भर भूखा-प्यासा रखा गया और शाम 6:00 बजे के बाद ठंड में ठिठुरते छोड़ दिया गया. बच्चे आपस में चंदा कर ऑटो से किसी तरह अपने घर लौटे.

यह स्थिति तब है जब ‘खेलो झारखंड’ में भाग लेनेवाले बच्चों के खाने व ट्रांसपोर्टिंग के लिए सरकार की ओर फंड जारी किया गया है. सुबह 9:00 बजे ही बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए ग्राउंड में बुलाया गया था. इस दौरान दिन भर विभिन्न खेलों का आयोजन होता रहा. बच्चों ने भूखे-प्यासे आयोजन में हिस्सा लिया. इसके बाद बगैर कुछ खिलाये इन्हें देर शाम 6:00 बजे छोड़ा गया. स्थिति यह थी कि दिन भर बच्चे प्यासे ही रह गये.

बताया जाता है कि अधितकर बच्चे घर से भाड़ा लगा कर स्कूल पहुंचे थे. जाने के वक्त भी उन्हें आपस में चंदा जमा करना पड़ा. कार्यक्रम स्थल पर शाम 7:00 बजे राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पिपराबंडा के छात्र-छात्राओं को घर जाने के लिए 20-20 रुपये ऑटो भाड़ा के लिए चंदा उगाही करते देखा गया. पूछे जाने पर बच्चों ने बताया कि वह सुबह से भूखे-प्यासे हैं. वह तो भला हो शिक्षक आशीष मुंडा का, जिन्होंने घर लौट रहे इन बच्चों को अपने पैसों से दो-दो समोसे खिलाये और घर जाने में उनकी मदद की.

बोलीं बीइइओ : कल स्कूल आइये, वहीं बात करेंगे

उक्त आयोजन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सीमा कुमारी की देखरेख में किया गया था. जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने बस इतना कहा कि कल स्कूल आइये, वहीं बात करेंगे.

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