रांची: अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार की अदालत ने पुलिस के लिए मुखबिरी करने के आरोप में राम गोबिंद व भूषण कुमार सिंह की हत्या मामले में आरोपी तोरपा (खूंटी) के पूर्व झामुमो विधायक पौलुस सुरीन व नक्सली जेठा कच्छप को दोषी करार दिया. इसके साथ ही सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए रांची की अदालत ने 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. अदालत ने कृष्णा महतो व तीन महिला आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इसी मामले में पीएफएलआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी ट्रायल का सामना कर रहा है.
इन्हें किया गया बरी
अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार की अदालत ने पूर्व झामुमो विधायक पौलुस सुरीन व नक्सली जेठा कच्छप को जहां दोषी करार दिया, वहीं इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे कृष्णा महतो व तीन महिला आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. फैसले के दौरान पौलुस सुरीन अदालत में सशरीर उपस्थित रहे, जबकि नक्सली जेठा कच्छप गोड्डा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहा. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया था, वहीं बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह प्रस्तुत किया गया.
2013 में दो लोगों की हुई थी हत्या
झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा में वर्ष 2013 में पुलिस के लिए मुखबिरी करने के आरोप में भूषण कुमार सिंह व राम गोविंद की हत्या कर दी गयी थी. कर्रा थाना में कांड संख्या-27/2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में झामुमो के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन, नक्सली जेठा कच्छप, कृष्णा महतो के साथ तीन महिला आरोपी भी ट्रायल का सामना कर रहे थे. इसी मामले में पीएफएलआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी ट्रायल का सामना कर रहा है.
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