सीएम हेमंत सोरेन ने उद्योग व कॉरपोरेट घरानों से क्या की अपील, जानिए
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुर्गम स्थानों में अभी भी फंसे झारखंड के प्रवासियों को वापस लाने के लिए सभी उद्योगों व कॉरपोरेट घरानों से अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अभी भी दुर्गम स्थानों में सैकड़ों लोग फंसे हैं, सभी उद्योगों/ कॉरपोरेट घरानों से मेरी विनम्र अपील है कि वे अपने श्रमिकों को निकालने में हमारा समर्थन करें.
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुर्गम स्थानों में अभी भी फंसे झारखंड के प्रवासियों को वापस लाने के लिए सभी उद्योगों व कॉरपोरेट घरानों से अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अभी भी दुर्गम स्थानों में सैकड़ों लोग फंसे हैं, सभी उद्योगों/ कॉरपोरेट घरानों से मेरी विनम्र अपील है कि वे अपने श्रमिकों को निकालने में हमारा समर्थन करें.
We have made sincere efforts to bring back our migrant workers from inaccessible remote places like Ladakh & Andamans. We still have hundreds of workers stranded in such remote places.
My humble appeal to all industries/corporate houses to support us in evacuating our workers.— Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) June 1, 2020
श्री सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने प्रवासी कामगारों को लद्दाख और अंडमान-निकोबार द्वीप जैसे दुर्गम स्थानों से वापस लाने में ईमानदार प्रयास किया है. इसके बावजूद अभी भी ऐसे दुर्गम स्थानों में सैकड़ों झारखंडवासी फंसे हैं. सभी उद्योगों और कॉरपोरेट घरानों से मेरा विनम्र आग्रह है कि जो श्रमिक अपने घर वापस आना चाहते हैं, उन्हें झारखंड भेजने में राज्य सरकार को सहयोग करें.
मुख्यमंत्री श्री सोरेन पहले ही कह चुके थे कि अगर जरूरत पड़ी, तो हवाई जहाज के माध्यम से भी प्रवासियों को झारखंड वापस लाया जायेगा. इसी के तहत 29 मई को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह से झारखंड के 60 प्रवासी श्रमिकों को हवाई जहाज से वापस लाया गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री श्री सोरेन खुद रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पहुंच कर प्रवासी श्रमिकों की हौसला अफजाई की थी. दूसरी ओर, हवाई मार्ग से इन प्रवासी श्रमिकों को झारखंड वापस लाने में नेशनल लॉ स्कूल, बेंगलुरु के पूर्ववर्ती छात्रों एवं महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के सहयोग की भी मुख्यमंत्री ने सराहना की थी.
Also Read: अनलॉक वन के पहले दिन रांची से पटना के लिए रवाना हुई जनशताब्दी एक्सप्रेस, जानें कैसी थी व्यवस्थावहीं, 30 मई को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में फंसे झारखंड के 180 प्रवासी श्रमिकों हवाई मार्ग से वापस लाया गया. आपको बता दें कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप क्षेत्र से करीब 320 प्रवासी श्रमिकों फंसे थे, इनमें से 180 प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया है. शेष श्रमिकों को भी जल्द वापस लाया जायेगा.
अब देश के दुर्गम क्षेत्र में फंसे झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने में उद्योग व कॉरपोरेट घरानों से मदद की अपील पर इन प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी की उम्मीद और अधिक बढ़ गयी है. अब उन्हें आशा है कि वे सब भी जल्द ही अपने घर वापस पहुंच पायेंगे.
Posted By : Samir ranjan.