रांची पुलिस की अनुशंसा पर अधिवक्ता राजीव कुमार सहित अन्य के खिलाफ ठाकुरगांव थाना में दर्ज तीन अलग-अलग केस को सीआइडी ने टेकओवर कर अनुसंधान शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि उन्हें कुछ माह पहले कोलकाता कैश कांड में गिरफ्तार किया गया था. सीआइडी मुख्यालय के स्तर से केस के अनुसंधान के लिए डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनायी गयी है. इससे पहले तीनों केस का अनुसंधान खलारी डीएसपी अनिमेष नैथानी कर रहे थे.
गौरतलब है कि बुढ़मू निवासी भुवनेश्वर साहु ने ठाकुरगांव थाना में बीते 24 सितंबर, 26 सितंबर और 27 सितंबर को अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी थी. तीनों ही मामले फर्जी कागजात बना कर आदिवासी जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया है. सभी में अधिवक्ता राजीव कुमार और उनकी पत्नी शर्मिला सिंह को आरोपी बनाया गया है.
पहले मामले में राजीव कुमार पर जाली कागजात बनाकर खाता संख्या 21 स्थित आदिवासी खतियान की भूमि में से 1.5 एकड़ भूमि अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री कराने का आरोप है. दूसरे मामले में राजीव कुमार पर जाली कागजात बनाकर खाता संख्या 19 स्थित आदिवासी भूमि से 16.6 डिसमिल और 13.94 डिसमिल जमीन अपनी पत्नी के नाम से रजिस्ट्री कराने का आरोप है.
वहीं, तीसरे मामले में आरोप लगाया गया है कि राजीव कुमार ने जाली कागजात बनाकर बुढ़मू प्रखंड स्थित खाता संख्या-02 स्थित आदिवासी जमीन को अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री कर हड़प लिया है. तीनों केस एससी-एसटी एक्ट, ठगी और जाली कागजात बनाने की धारा में दर्ज किये गये हैं. इससे पहले राजीव कुमार सहित अन्य लोगों के खिलाफ दीपक कच्छप की शिकायत पर 16 अगस्त 2022 को एससी- एसटी थाना में केस दर्ज हुआ था. इस केस का अनुसंधान भी सीआइडी पहले से ही कर रही है.