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EXCLUSIVE: झारखंड के मंत्री का विस्फोटक बयान, कुड़मियों ने कहा था- हम हिंदू हैं, आदिवासी नहीं कहलायेंगे

Jharkhand Minister Rameshwar Oraon On ST Status To Kurmi: बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ था कि कुड़मी हिंदू हैं. जनेऊ पहनेंगे. आदिवासी नहीं कहलायेंगे. अब कुड़मी समाज के लोग खुद को एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. डॉ रामेश्वर उरांव कहते हैं कि इनकी मांग पर गहन अध्ययन की जरूरत है.

By Mithilesh Jha | October 28, 2022 5:16 PM

कुड़मियों ने कहा था- हम हिंदू हैं, आदिवासी नहीं कहलायेंगे, झारखंड के मंत्री का विस्फोटक बयान

Jharkhand Minister Rameshwar Oraon On ST Status To Kurmi: कुड़मी समुदाय आदिवासी का दर्जा देने की मांग कर रहा है. कई राज्यों में इसके लिए उसने आंदोलन तेज कर दिया है. झारखंड की सरकार इस मुद्दे पर अभी तक मौन है. लेकिन, हेमंत सोरेन सरकार में वित्त मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने विस्फोटक बयान दिया है. उनके इस बयान से झारखंड की राजनीति में उबाल आ सकता है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन रहे रामेश्वर उरांव ने कहा है कि उन्होंने कहीं पढ़ा है कि वर्ष 1929 में मुजफ्फरपुर में कुड़मियों की एक बैठक हुई थी. इसमें कई राज्यों से लोग आये थे. इस बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ था कि कुड़मी हिंदू हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि वे जनेऊ पहनेंगे और आदिवासी नहीं कहलायेंगे. लेकिन, अब कुड़मी समाज के लोग खुद को एसटी यानी अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. डॉ उरांव कहते हैं कि इनकी मांग कानूनी तौर पर उचित है या नहीं, इस पर गहन अध्ययन की जरूरत है. कुड़मी को एसटी का दर्जा देने दिये जाने के मुद्दे पर झारखंड के वित्त मंत्री ने प्रभात खबर संवाद में पत्रकारों के सवाल पर क्या बयान दिया, आप भी देखें…

Rameshwar Oraon on ST Status to Kurmi: Kurmi community of Jharkhand is demanding the status of tribal. In many states, they intensified movement for this. The government of Jharkhand is still silent on this issue. But, Finance Minister in Hemant Soren government and former state Congress president Dr. Rameshwar Oraon has given an explosive statement. This statement of his may bring boil in the politics of Jharkhand. Rameshwar Oraon, who is the former chairman of the National Commission for Scheduled Tribes, has said that he has read somewhere that in the year 1929, a meeting of Kurmis was held in Muzaffarpur. Kurmis from several states participated in it. A unanimous resolution was passed in meeting that the Kurmi are Hindu. He had also said that he would wear a janeu and would not be called a tribal. At that time, they decided that they will not term themselves as adivasi or tribal in coming census. But, now the same Kurmi community demanding to include themselves in ST i.e. Scheduled Tribe. Dr. Oraon says that whether their demand is legally justified or not, there is a need for in-depth study. On the issue of ST status to Kurmi, see what Finance Minister of Jharkhand answers to the question of journalists in Prabhat Khabar Samvad, watch this video…

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