रांची: टोटेमिक कुड़मी/कुरमी विकास मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार की अध्यक्षता में हुई. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उनकी मांगें नहीं मानी गयीं, तो कुड़मी एसटी आंदोलन को और तेज किया जाएगा. मोर्चा ने चेतावनी दी है कि उनकी अनदेखी बीजेपी को विधानसभा चुनाव में भारी पड़ेगी. कुड़मी एसटी आंदोलन के तहत झारखंड के 11 स्थानों पर जिला स्तरीय कुड़मी/कुरमी सम्मेलन किया जाएगा. रांची, मनोहरपुर, घाटशिला (धालभूमगढ़), रामगढ़, गिरिडीह बोकारो, धनबाद, चतरा, जामताड़ा, साहिबगंज और हजारीबाग में सम्मेलन होगा. इसके लिए प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं.
कुड़मी समाज की केंद्र सरकार से क्या है मांग?
कोर कमेटी द्वारा केंद्र की भाजपा सरकार से कुड़मी एसटी मामले को संज्ञान में लेकर अविलंब पहल करने की मांग की गयी. कोर कमेटी को संबोधित करते हुए समाज के अगुवा सह मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि झारखंड की कुड़मी जनजाति अपनी मांगों को लेकर एकजुट है. केंद्र सरकार यदि चाहती है कि झारखंड में भाजपा की सरकार बने तो कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में सूचीबद्ध करना होगा. ऐसा नहीं होने पर किसी कीमत में कुड़मी/कुरमी समाज झारखंड में भाजपा को स्वीकार नहीं करेगी. अभी भी समय है केंद्र सरकार कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करे.
कुड़मी समाज ने बीजेपी को क्या दी चेतावनी?
शीतल ओहदार ने कहा कि भाजपा किसी भी बड़े नेता को अपने पाले में लेकर आए, लेकिन कुड़मी के बिना झारखंड के सत्ता में नहीं आ सकती है. यदि कुड़मियों की अनदेखी की गयी तो आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को 20 सीट से ज्यादा नहीं जीतने दिया जाएगा.
कोर कमेटी की बैठक में कौन-कौन थे उपस्थित?
इस बैठक में केंद्रीय कोषाध्यक्ष सखीचंद महतो, दानिसिंह महतो, सपन कुमार महतो, सुषमा देवी, थानेश्वर महतो, अशोक महतो, रामचन्द्र महतो, मुरलीधर महतो, महेंद्र महतो, रूपलाल महतो, शशिरंजन महतो, झारखंड आंदोलनकारी हरिशंकर महतो, सोनालाल महतो, डब्लू महतो, अघनुराम महतो, रघुनाथ महतो, अधिवक्ता जितेन्द्र महतो, खुदीराम महतो, भूषण महतो, भवतारण महतो, अमरू महतो, नागेश्वर महतो, रवि महतो, सनोज महतो, रावंती देवी, रविता देवी, देवनारायण महतो, अनूप कुमार समेत समाज के प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे.
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