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झारखंड: कुड़मी एसटी नहीं थे, प्रमाण है तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाएं, जमशेदपुर में बोले सालखन मुर्मू

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि कुड़मी एसटी नहीं थे. प्रमाण है तो वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाएं. रेल चक्का जाम कर बेवजह परेशान करना उचित नहीं है. उन्होंने राष्ट्रपति से अगले 30 सालों तक किसी समृद्ध व बड़ी जाति को एसटी में शामिल नहीं करने की मांग की है.

जमशेदपुर: आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने जमशेदपुर के कदमा स्थित आवासीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि कुड़मी महतो प्रतिनिधि सोमवार को झारखंड के मुख्य सचिव और ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर से अपने दावों के लिए मिलने वाले हैं. इसका आदिवासी सेंगेल अभियान विरोध करता है. कुड़मी आदिवासी केवल आरक्षण का लाभ लेने के लिए एसटी बनना चाहते हैं. यदि सचमुच में कुड़मी महतो के पास एसटी होने का कोई प्रमाण है तो उन्हें पूरे तथ्य के साथ हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. रेल-रोड चक्का जाम कर बेवजह जनता को भ्रमित और तबाह करना उचित नहीं है. सालखन मुर्मू ने कहा कि 13 करोड़ असली आदिवासी का अभी तक विकास नहीं हो सका है. इसके लिए कमीशन का गठन कर जांच होनी चाहिए. कुड़मी महतो के आदिवासी बनने के आंदोलन में झारखंड में जेएमएम पार्टी, ओडिशा में बीजू जनता दल और बंगाल में टीएमसी ने घी डालने का काम किया है. आदिवासी समाज को इस मुद्दे पर इन तीनों पार्टियों को विरोध करना जरूरी है. इसके साथ ही कांग्रेस और बीजेपी भी कम जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की गयी है कि अगले 30 वर्षों तक कोई भी समृद्ध और बड़ी जाति को आदिवासी या एसटी का दर्जा नहीं दिया जाए.

कुड़मी नहीं थे एसटी

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि कुड़मी एसटी नहीं थे. यदि उनके पास प्रमाण है तो वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाएं. रेल चक्का जाम कर बेवजह जनता को परेशान करना उचित नहीं है. इस मामले में उन्होंने राष्ट्रपति से अगले 30 सालों तक किसी समृद्ध व बड़ी जाति को एसटी में शामिल नहीं करने की मांग की है.

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आदिवासी आरक्षण को लूटना चाहते हैं गैर-आदिवासी

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि देश में कोई भी नयी गैर-आदिवासी जाति केवल आदिवासी आरक्षण को लूटने के लिए आदिवासी या एसटी बनना चाहती है तो आदिवासी सेंगेल अभियान सुप्रीम कोर्ट जाकर इसका विरोध करेगा क्योंकि यह आदिवासियों के प्रदत्त संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत मर्यादा के साथ जीने के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला है.

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राष्ट्रपति से की है मांग

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति से मांग की गयी है कि अगले 30 वर्षों तक कोई भी समृद्ध और बड़ी जाति को आदिवासी या एसटी का दर्जा नहीं दिया जाए. कुड़मी महतो के आदिवासी बनने के आंदोलन में घी डालने का काम झारखंड में जेएमएम पार्टी, ओडिशा में बीजू जनता दल और बंगाल में टीएमसी ने किया है.

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13 करोड़ असली आदिवासियों का अब तक विकास नहीं

आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज को इस मुद्दे पर इन तीनों पार्टियों को विरोध करना जरूरी है. इसके साथ ही कांग्रेस और बीजेपी भी कम जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि 13 करोड़ असली आदिवासी का अभी तक विकास नहीं हो सका है. इसके लिए कमीशन का गठन कर जांच होनी चाहिए.

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