प्रतिनिधि, खलारी
खलारी कोयलांचल में शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार को मां दुर्गा की कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की गयी. मान्यता है कि इस अवधि में मां दुर्गा का धरती पर आगमन होता है और वह अपने भक्तों का उद्धार करती हैं. इस दौरान साधक माता रानी के नौ स्वरूपों की भक्ति भावना के साथ पूजा-अर्चना कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं. इसी के तहत रविवार को सर्वप्रथम नित्य पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का 13 अध्याय का पाठ और माता की आरती उतारी गयी. उसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद बांटा गया. इस संबंध में खलारी के दीपक कुमार पांडेय बताते हैं कि इस दिन देवी दुर्गा अपने चौथे स्वरूप में कुष्मांडा के नाम से जानी जाती हैं, जिन्हें आदिशक्ति कहा गया है. ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है. उन्होंने कहा कि पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इन्हें पूजा-आराधना करने से भक्तों के रोगों व शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है.जगमग हो रहे पूजा पंडाल :
खलारी कोयलांचल के लगभग पूजा पंडाल अब जगमगाना शुरू हो गया है. पंडालों के पट खुलने की महज अब कुछ ही दिन शेष है. क्षेत्र कई पूजा पंडालों के पट छठी तिथि बुधवार को तो कहीं सप्तमी तिथि गुरुवार को उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिया जाएगा. इधर, जैसे-जैसे दुर्गा मां की पट खुलने का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं में मां के दर्शन की बेताबी बढ़ती जा रही है. वहीं, दुर्गा मां की प्रतिमाएं और पंडालों का निर्माण अपने अंतिम चरण में है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है