रांची. झारखंड चेंबर की लॉजिस्टिक पार्क उप समिति की बैठक शनिवार को चेंबर भवन में हुई. बैठक में राज्य में प्रभावी लॉजिस्टिक पार्क पॉलिसी के प्रावधानों पर चर्चा हुई. इस दौरान कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चिंता जाहिर की गयी. नन आरसीसी संरचना पर प्रति स्क्वायर फीट 14 फीसदी की बढ़ोतरी कर 1722 रुपये की दर से लेबर सेस का भुगतान करने की बाध्यता को अव्यवहारिक बताया गया. कहा गया कि नियमावली में स्पष्ट है कि कुल दर का एक प्रतिशत लेबर सेस भुगतान करना है. लेकिन, उदाहरण में गलत उल्लेख होने के कारण विभाग द्वारा उसी को मान्य किया जा रहा है, जिसकी समीक्षा होनी चाहिए. उप समिति चेयरमैन अविराज अग्रवाल ने कहा कि यह दर केवल आरसीसी भवनों पर मान्य होनी चाहिए. जबकि नन आरसीसी भवनों पर भी इसी दर को प्रभावी किया गया है. लेबर सेस का भुगतान एक समान होने के कारण परेशानी हो रही है. सदस्यों ने रांची की तर्ज पर सरकार से रिंग रोड समेत अन्य जिलों में अतिरिक्त ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण करने के साथ ही एक्सपोर्ट हाउस का निर्माण करने पर विचार करने का आग्रह किया.
यूसी केस मामले में शिथिलता बरती जाये
बैठक में सदस्यों ने कहा कि जब तक राज्य में भवन नियमितीकरण योजना प्रभावी नहीं हो जाती, तब तक यूसी केस के मामले में शिथिलता बरतनी चाहिए. इससे लोग अनावश्यक परेशानियों से बचेंगे. चेंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि रिंग रोड में लाइट और सीसीटीवी की पर्याप्त व्यवस्था हो और वेयर हाउस में सोलर पावर का उपयोग कैसे बढ़े, इस पर भी चर्चा हुई. मौके पर आदित्य मल्होत्रा, ज्योति कुमारी, राहुल साबू, आदित्य मस्करा, पुनीत गुप्ता, जियाउल खान, सीए राहुल झा, सुरेश अग्रवाल, प्रमोद सारस्वत आदि उपस्थित थे.
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